For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


कविताओं में बाँचिये , शीतल मंद समीर
शब्दों में ही बह रहा , निर्मल निर्झर नीर
निर्मल निर्झर नीर,हरा वसुधा का आँचल
चंदन जैसी मृदा , गगन इतराता बादल
अमृत-सी जलधार कहाँ अब सरिताओं में
खोया पर्यावरण , ढूँढिये कविताओं में |

 

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर (मध्य प्रदेश)

Views: 622

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on June 7, 2012 at 10:54am

bahut saargarvit likha hai sir ji ....................saadar badhai sweekar karen sir ji


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on June 7, 2012 at 9:46am

मिली बधाई हार्दिक, मित्र उमा आभार

बनी रहेगी मित्रता,बना रहेगा प्यार.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on June 7, 2012 at 9:40am

देहरादून से मिला, प्रोत्साहन, आभार !

नेह सदा मिलता रहे,सृजन होय साकार. |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on June 7, 2012 at 9:31am

दृष्टि पारखी जहँ पड़े,सृजन सफल तहँ होय

आभारी मन रात दिन , प्रेम - प्रदीप सँजोय.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on June 7, 2012 at 9:20am

प्राची से आये दिवस,जागे यह संसार

मिली बधाई कीमती,प्राची जी आभार.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on June 7, 2012 at 8:53am

अलबेला जी आपका बहुत बहुत आभार,

धन्य हो गई कुंडली,पाकर निर्मल प्यार..

Comment by UMASHANKER MISHRA on June 6, 2012 at 11:38pm

प्रिय अरुण भाई कुंडली की  बधाई के साथ साथ 

आपको आपकी शादी की  सालगिरह कि हार्दिक बधाई 

भाभी जी को भी शादी की हार्दिक बधाई 

Comment by UMASHANKER MISHRA on June 6, 2012 at 11:13pm

सही कहा भाई अरुण आपने 

प्रकृति का सुन्दर रूप अब 

पढ़ने को हि मिलेगा 

पर्यावरण की  रक्षा में आपकी इस कुंडली  का योगदान सराहनीय है 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 6, 2012 at 4:26pm

शानदार कुंडली अरुण कुमार जी बहुत बधाई 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 6, 2012 at 1:36pm

बहुत सुन्दर कुंडली, बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति. बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
42 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service