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नेता की शादी में
---------------------
नेता की शादी में
गरीब भी आये
पानी भरे -अंखियों से
लड्डू- मन में खाए !
-----------------------
डांट खाए दुत्कार
कुत्ते के पीछे वे
गालियों का प्रसाद
झोली भर लाये !
----------------------
चकाचौंध फुलझड़ी
नींद में सताए
बिटिया जवान हुयी
कब तक छिपाए !
---------------------
बेटे ने देख लिया
नेता का डेरा
मोह हम से कम हुआ
छोरा-छिछोरा !
---------------------------
तोते सा बोले वो
मन का मगरमच्छ है
आँखों में झांके तो
जान चली जाए !
-------------------------------
'इस' नेता 'उस' नेता
कितना फरक है
'जान' था हमारा 'वो'
'ये' तो 'जहर' है !
------------------------------
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल "भ्रमर' ५
८.१०-८.२५ पूर्वाह्न
कुल्लू एच पी ८.५.१२

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Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 25, 2012 at 11:34pm

स्वागत है आप का  सीमा जी ..

हाँ आने के पहले आगाज हो जाता है ..आप नेता की शादी में आयीं ख़ुशी हुयी ......भ्रमर ५ 
Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 22, 2012 at 11:03pm

आदरणीय  अविनाश भाई  और अशोक  भाई  प्रोत्साहन हेतु आभार ..ये समाज की विसंगतियां चिंतनीय हैं ही .....भ्रमर ५ 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 22, 2012 at 10:59pm

आदरणीया सरिता सिन्हा  जी जय श्री राधे नाम तो आप का लिया है लेकिन सीमा जी कह दिया क्षमा करियेगा ...क्षमा बड़न  को चाहिए हम बालक तो उत्पाती हैं ही . वर्तमान व्यवस्था व परिस्थिति पर  पर बढ़िया कटाक्ष ..  आभार आप का  काश  ये  विषमताएं दूर हों  सरिता जी ...भ्रमर ५ 

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 22, 2012 at 9:03pm

आदरणीय भ्रमर जी सुन्दर क्षणिकाओं की बरात. इस नेता उस नेता.... वाह क्या बात है. बधाई.

Comment by AVINASH S BAGDE on May 22, 2012 at 3:07pm

'इस' नेता 'उस' नेता 
कितना फरक है 
'जान' था हमारा 'वो' 
'ये' तो 'जहर' है ! 


wo ' NETAJI ' the..

ye to muye neta hai...

Comment by Sarita Sinha on May 22, 2012 at 2:40pm

भाई सुरेन्द्र कुमार जी, मेरा भी नाम ले लिया  होता....

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 21, 2012 at 11:15pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी , रेखा जी, सीमा जी , महिमा श्री जी  और  मान्यवर और प्रिय  सौरभ जी , आशीष जी , बागी जी , योगराज जी , संदीप जी, और कुशवाहा जी  ये हमारे समाज की एक कडवी सच्चाई झलकी थी ..जिसे आप सब  ने  देखा  और  इस रचना को प्यार दिया ..बहुत अच्छा लगा काश ये विसंगतियां दूर हों .. .बहुत बहुत आभार . -भ्रमर ५ 

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 10:07pm

नेता की शादी में
गरीब भी आये
पानी भरे -अंखियों से
लड्डू- मन में खाए !
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डांट खाए दुत्कार
कुत्ते के पीछे वे
गालियों का प्रसाद
झोली भर लाये !
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चकाचौंध फुलझड़ी
नींद में सताए
बिटिया जवान हुयी
कब तक छिपाए !
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बेटे ने देख लिया
नेता का डेरा
मोह हम से कम हुआ
छोरा-छिछोरा !
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तोते सा बोले वो
मन का मगरमच्छ है
आँखों में झांके तो
जान चली जाए !
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'इस' नेता 'उस' नेता
कितना फरक है
'जान' था हमारा 'वो'
'ये' तो 'जहर' है ! वाह !!बहुत ही सुंदर अभिवयक्ति भ्रमर सर  .. शब्द नहीं है मेरे पास ... ह्रदय से बधाई आपको जय श्री राधे

Comment by Sarita Sinha on May 21, 2012 at 4:12pm

सुरेन्द्र जी, नमस्कार, 

वर्तमान व्यवस्था व परिस्थिति पर  पर बढ़िया कटाक्ष ..
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 21, 2012 at 3:57pm

aadarniya bhramar ji, sadar

invitation mila nahi aaya aap saneh

inkki shadi na jaiye kanchan barse meh 

badhai.

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