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अभियंता दिवस पर मुक्तिका: हम अभियंता --अभियंता संजीव वर्मा 'सलिल'

अभियंता दिवस पर मुक्तिका:

हम अभियंता

अभियंता संजीव वर्मा 'सलिल'
*
कंकर को शंकर करते हैं हम अभियंता.
पग-पग चल मंजिल वरते हैं हम अभियंता..

पग तल रौंदे जाते हैं जो माटी-पत्थर.
उनसे ताजमहल गढ़ते हैं हम अभियंता..

मन्दिर, मस्जिद, गिरजा, मठ, आश्रम तुम जाओ.
कार्यस्थल की पूजा करते हम अभियंता..

टन-टन घंटी बजा-बजा जग करे आरती.
श्रम का मन्त्र, न दूजा पढ़ते हम अभियंता..

भारत माँ को पूजें हम नव निर्माणों से.
भवन, सड़क, पुल, सुदृढ़ सृजते हम अभियंता..

अवसर-संसाधन कम हैं, आरोप अधिक पर-
मौन कर्म निज करते रहते हम अभियंता..

कभी सुई भी आया करती थी विदेश से.
उन्नत किया देश को हँसते हम अभियंता..

लोहा माने दुनिया भारत का, हिन्दी का.
ध्वजा तिरंगी ऊँची रखते हम अभियंता..

कार्य हमारा श्रेय प्रशासन ले लेता है.
'सलिल' अदेखे आहें भरते हम अभियंता..
*******************************
दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम

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Comment by sanjiv verma 'salil' on September 17, 2010 at 6:31pm
धन्यवाद.

दें आशीष बने रवि जैसे बागी हम भी.
मिटा पुराना सृज नवीन दें हम अभियंता..
Comment by आशीष यादव on September 17, 2010 at 1:50am
salil ji pranaam,
ek engineer kya karta hai apne jiwan me, bakhubi kaha hai aapne. bahut achchhi kawita kahi hai aapne.
Comment by Rash Bihari Ravi on September 16, 2010 at 1:05pm
अवसर-संसाधन कम हैं, आरोप अधिक पर-
मौन कर्म निज करते रहते हम अभियंता..
लोहा माने दुनिया भारत का, हिन्दी का.
ध्वजा तिरंगी ऊँची रखते हम अभियंता..
saty aapne sahi likha hain bahut sundar rachna
Comment by Admin on September 16, 2010 at 11:02am


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 16, 2010 at 10:53am
अभियंता दिवस पर पूज्यनीय भारत रत्न, अभियंता शिरोमणि विश्वेशरैया जी को इस से अच्छी श्रन्धान्जली कुछ नहीं हो सकता, एक बेहतरीन मुक्तिका, अभियंता दिवस की ढ़ेरो बधाईया स्वीकार करे |

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