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हमर मन कहत बा ,
जेतना नेता बा लोग ,
ओ लोग के दे दी लम्बा छुट्टी ,
छुट्टी पर जे ना जाई ,
ओ लोग के राऊआ इ बुझी ,
इ चोर के सरदार हा,
हमर मन कहत बा
येके गोली मारी,
इ ता देश के लुटी ,
एकरा के छोरी मत ,
जल्दी तारा (चाहेटी) करी ,
आज के नेता अब नइखन ,
भाई हो देश के बेटा ,
हमर मन कहत बा,

गेरुआ देख के अब राऊआ ,
झट से सर ना झुकाई,
भक्ति से सरबोर कम ,
बेसी गुंडा पाइब ,
पता चलल गेरुआ वाला ,
कुछ बाबा दलाली करत बा ,
एकरा के फासी पर चढ़ाई ,
हमर मन कहत बा

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 9:36pm
बिलकुल सही बात.....गुरु जी आप आगे बढिए हम आपके साथ हैं|
Comment by Admin on April 3, 2010 at 2:38pm
Guru jee, bahut sundar aa vyangatmak rachna ba raur, Bahut bahut dhanyabad ba aeh rachna khatir, ab logan key biswaas uthal jaat ba e babawan sey, bahut badiya rachna,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 2, 2010 at 8:42pm
गेरुआ देख के अब राऊआ ,
झट से सर ना झुकाई,
भक्ति से सरबोर कम ,
बेसी गुंडा पाइब ,
हम का कही गुरु जी शब्द नइखे मिलत इ कविता के तारीफ मे , बहुत बढ़िया कविता लिखले बानी, राउर कविता मे आम आदमी के आक्रोश झलक रहल बा, पहिले जनता खाकी से त्रस्त रहल वोकरा बाद खादी से और अब गेरुवा रंग वाला चोला से, अब ता इहे कहे के मन करत बा की " जागो जनता जागो "
Comment by Mahesh Jee on April 2, 2010 at 7:53pm
ए बाबा(नवका) अरे अब त इ बबवन के उपर कविता लिखल छोडी ना त हमनी के बहुते बदनामी होइ अउर हमनी के पार्टी बनला से पहिलही टूट जाई। hahahahahahaha..
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 2, 2010 at 7:48pm
bahut badhiay guru jee..raur man sahi kahat baa............
कुछ बाबा दलाली करत बा ,
एकरा के फासी पर चढ़ाई ,
हमर मन कहत बा
bahut badhiay guru jee

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