For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Mahesh Jee
  • Male
  • India
Share on Facebook MySpace

Mahesh Jee's Friends

  • देवDevकान्‍तKant पाण्‍डेयPandey
  • Manoj Kumar Jha
  • Raju
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"
  • Rash Bihari Ravi

Mahesh Jee's Discussions

कन्या के लक्षण से जाने कन्या का व्यक्तित्व
10 Replies

1 - आँख से आँख मिलाकर बात करने वाली लड़की नियंत्रण से बाहर होती हैँ। 2 - गर्दन ऊँची करके बात करने वाली कन्या घमण्डी होती हैँ। 3 - गर्दन नीची करके बात करने वाली कन्या बहुत शर्मीली होती हैँ। 4 - धीमे…Continue

Started this discussion. Last reply by abha sinha May 24, 2010.

 

Mahesh Jee's Page

Profile Information

City State
Jabalpur
Native Place
Ballia
Profession
Govt Job
About me
I am simple .

Mahesh Jee's Photos

  • Add Photos
  • View All

Mahesh Jee's Blog

"मजदूर"(१ मई मजदूर दिवस पर विशेष)

देह के चमड़ी धुप मे जलावेला,

खून के पसीना बनाके बहावेला,

रुखा सूखा खाके पेट के आग बुझावेला,

सुते खातीर धरती के बिछवना,

अकाश के ओढ़ना बनावेला,

लोग उनका सम्मान मे,

मजदूर दिवस मनावेला ।



सूई से लेके जहाज ले,

सब कुछ मजदूर बनावेला,

ओकरा बादो उनकर नाम,

कबो सामने ना आवेला,

सृजन करीहे मजदूर,

अफसर काटेले फिता,

फिर भी मजदूर आपन,

सेवा हम सब के देता।



सेठ जी जबरन काम करावेले,

मजदूरी मांगे पर डंडा देखावेले,

बंधुवा… Continue

Posted on April 30, 2010 at 10:00pm — 5 Comments

अइसन होले नेता

आईल जब चुनाव त नेता जी दिहले दिखाई ।

हाथ जोड़ के सबसे कहले वोट हमरे के दिहजा भाई।। दिन मे हाथ जोड़ पाव पड़ सबसे वोट मंगीहे भाई। राती मे घरे घरे नोट , दारु के गंगा दिहे बहाई।।

करिहे वादा कि बिजली हैन्डपम्प घरे घरे देब लगवाई।

सड़क नाली स्कूल तलाब नहर सब कुछ देब बनवाई।।

आप सब मिल के हमके सांसद दिही बनाई।

सब कर मनरेगा मे काम देब लगवाई।।

अगर बन जाइब मंत्री त अफसर लोग के दिमाग देब ठिक कराई।

आप सब के अन्नपुर्णा योजना के कार्ड घरे घरे देब पहुचाई।।

दारु गुन्डागर्दी के… Continue

Posted on April 17, 2010 at 11:41pm — 4 Comments

जाने एक पहाड़ी को

आप अब तक ये जानते है कि किसी ढलान पर कार को न्यूट्रल मे कर दे तो वह निचे की तरफ लुढकने लगती है। लेकिन फ्लोरिडा के लेक वेल्स का स्पूक हिल इलाका अपने आप मे एक अजुबा है जहा पर फिजिक्स के नियमो के विपरीत काम होता हैं। ग्रेविटेशनल ला के हिसाब से कोई भी वस्तु ऊपर से नीचे की तरफ आती है। पर स्पूक हिल पे वस्तु नीचे से ऊपर कि तरफ जाती हैं। यहां आकर लोग पहाड़ी के निचे अपनी कार खड़ी कर देते हैँ। कुछ ही पल मे कार अपने आप पहाड़ी पर चढ़ने लगती हैँ। यहा ऐसा कुछ भी नही दिखता जिससे पता चले कि कोई अज्ञात ताकत कारो को… Continue

Posted on April 15, 2010 at 3:32pm — 4 Comments

आँसू

केहू के प्यार के एहसास बा आँसू। केहू के खुशी के अरमान बा आँसू । केहू के जिनगी के फरमान बा आँसू। केहू के याद के अन्जाम बा आँसू। केहू के आँख के अल्फाज बा आँसू। केहू के जुदाई के दर्द जान बा आँसू। केहू के बेवफाई के इल्जाम बा आँसू। केहू के बुझल दिल के जुबान बा आँसू। केहू के मौत के पैगाम बा आँसू। केहू के विदाई के रस्म रिवाज बा आँसू। केहू से मिलल प्यार के दर्द जवाब बा आँसू। जी के जिनगी के हिसाब बा आँसू।

Posted on April 12, 2010 at 11:53pm — 1 Comment

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:22am on April 19, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 4:49pm on March 27, 2010, Rash Bihari Ravi said…
sawagat ba raur
At 12:30pm on March 27, 2010, Admin said…

At 12:29pm on March 27, 2010, Admin said…

At 11:09am on March 27, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"स्वागतम"
11 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

देवता चिल्लाने लगे हैं (कविता)

पहले देवता फुसफुसाते थेउनके अस्पष्ट स्वर कानों में नहीं, आत्मा में गूँजते थेवहाँ से रिसकर कभी…See More
13 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय,  मिथिलेश वामनकर जी एवं आदरणीय  लक्ष्मण धामी…"
14 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Wednesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service