For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : बलराम धाकड़ (पाँव कब्र में जो लटकाकर बैठे हैं।)

22 22 22 22 22 2

 

पाँव कब्र में जो लटकाकर बैठे हैं।

उनके मन में भी सौ अजगर बैठे हैं।

 

'ए' की बेटी, 'बी' का बेटा, 'सी' की सास,

दुनियाभर का ठेका लेकर बैठे हैं।

 

कहाँ दिखाई देती हैं अब वो रस्में,

भाभीमाँ की गोद में देवर बैठे हैं।

 

मैं दरवाज़े पर ताला जड़ आया हूँ,

दुश्मन घर में घात लगाकर बैठे हैं।

 

अब हम सब सीसीटीवी की ज़द में हैं,

चित्रगुप्त कब खाते लेकर बैठे हैं।

 

अदबी लोगो! अदब की चिन्ता जायज़ है,

हर नुक्कड़ पर चार सुख़नवर बैठे हैं।

 

सबका नंबर आएगा, निश्चिंत रहो!

धुंधले साए बंकर-बंकर बैठे हैं।

बैरागी बातें करने वालों की भी,

छाती पर सोने के ज़ेवर बैठे हैं।

 

पहले उल्लू बैठा था, पर एक ही था,

अब हर डाली पर दो बंदर बैठे हैं।

 

 

मौलिक / अप्रकाशित,

बलराम धाकड़ l

Views: 443

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Balram Dhakar on September 19, 2023 at 4:44pm

बहुत बहुत शुक्रिया, आदरणीय समर सर.

सादर.

Comment by Samar kabeer on February 10, 2023 at 6:11pm

अब ख़ूब हो गई ग़ज़ल ।

Comment by Balram Dhakar on February 10, 2023 at 6:05pm

आ. लक्ष्मण जी भाई साहब,

आपकी और आ. समर सर की इस्लाह पर अमल करते हुए सुधार कर लिया है।

बहुत बहुत शुक्रिया आपका ।

सादर।

Comment by Balram Dhakar on February 10, 2023 at 6:03pm

ग़ज़ल में आपकी शिरकत और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आ. समर सर।

आपकी इस्लाह के बाद अब मतला यूँ कर लिया है कि,

पाँव जो क़ब्रों में लटकाकर बैठे हैं।

 और छठवें शेर का सानी इस तरह कहा है कि,

हर नुक्कड़ पर चार सुख़नवर बैठे हैं।

टंकण त्रुटियां सुधार ली जाएंगीं सर।

सादर।

Comment by Samar kabeer on February 8, 2023 at 7:42pm

जनाब बलराम धाकड़ जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें I 

'पाँव कब्र में जो लटकाकर बैठे हैं'--- इस मिसरे के बारे में आपसे फ़ोन पर चर्चा हो चुकी है I 

'अब हम सब सीसीटीवी की जद में हैं'-- इस मिसरे में 'जद' को "ज़द" कर लें I 

'अदबी लोगो! अदब की चिन्ता जायज़ है,

हर नुक्कड़, हर गली में शाइर बैठे हैं'--- इस शे`र के ऊला मिसरे में 'जायज़' को "जाइज़" कर लें और सानी मिसरे में "सुख़नवर" शब्द ले सकते हैं I 

त्कुच टंकण त्रुटियाँ देख लें I 

बाक़ी शुभ शुभ 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 3, 2023 at 8:36pm

आ. भाई बलराम जी, सादर अभिवादन। शंका समाधान के लिए आभार।

 यदि उचित लगे तो इस पर विचार कर सकते हैं-

हर नुक्कड़ पर शाइर घर कर बैठे हैं।

 

Comment by Balram Dhakar on February 3, 2023 at 12:28pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सादर नमस्कार।

आपकी शिरकत ग़ज़ल में हुई, प्रसन्नता हुई।

आपकी आपत्ति सही है, इस शे'र में क़ाफिया "शायर" होना था। फिर याद आया, जनाब समर कबीर साहब कहते हैं, सही शब्द "शाइर" है। ऐसे में सही काफिए की तलाश में इसे "शायर" ही रखते हैं। कृपया कोई सही क़ाफिया सूझे तो अवश्य अवगत कराइएगा।

सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 3, 2023 at 6:03am

आ. भाई बलराम जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई। 

क्या "शाइर" शब्द से काफिया बदल नहीं रहा ? शंका समाधान कीजिएगा। सादर..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
11 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
13 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service