For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

करोना -योद्धाओं के नाम

करोना -योद्धा  सखी    के नाम 
 
 सुनो ! अपना ध्यान रखना 
हरगिज़ हरगिज़ न डिगना 
हौसलों को हिम्मत बँधाते रहना 
धैर्य  ध्वजा   है  फहराते  रहना 
हमेशा से ही  सिपाही  हो तुम 
विजय सी ही वाहवाही  हो तुम 
अब के जंग निज अपने संग है 
वैरी का बिलकुल अजीब रंग है 
कितने ही समर तुमने हैं जीते 
कितने ही वार किए हैं रीते 
कितने चक्रव्यूह तुमने हैं तोड़े 
कितने टूटते तार हैं जोड़े 
तो जोश तुम्हारा बरकरार रहे 
सिला जो ये सिलसिलेवार रहे 
तो जंग तो बस जीती ही समझो 
स्याही भरी रात बीती ही समझो 
ये जो है भीतर भयावह  लड़ाई 
सीने मे सुलगती गुफा  सुलगाई 
अनोखी ये रणनीति अद्भुत  है वार 
लेकिन जीजीविषा भी बिलकुल तैयार 
 विषाणु का ये समरथता  से युद्ध है 
देख लिया मानव तू कितना प्रबुद्ध है 
अस्त्र -शस्त्र शक्ति ये बल -वर्धक 
सीमाएं -सेनाएँ सब ही  निरर्थक
निज के भीतर जो निज की है शक्ति 
वही केवल वो ही है शक्ति की शक्ति 
देखनी  है बाकि सहने की सीमा 
हे धैर्य - धावक तू न होना  धीमा 
सुनो ! अपना ध्यान रखना 
हरगिज़ हरगिज़ न डिगना 
हौसलों को हिम्मत बँधाते रहना 
धैर्य  ध्वजा   है फहराते  रहना 
..............................
..मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 447

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by amita tiwari on December 3, 2020 at 1:36am

आदरणीय  समीर साहब तथा बृजेश जी 

रचना के स्वागत के लिए  आभारी हूँ

सादर 

अमिता 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 2, 2020 at 12:41pm

अच्छी कविता लिखी है आदरणीया...

Comment by Samar kabeer on November 29, 2020 at 8:23pm

मुहतरमा अमिता तिवारी जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
4 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
7 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय आज़ी जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
8 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
9 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय चेतन जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
10 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
11 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
11 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय यमित जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
13 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
14 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, आपकी इस इज़्ज़त अफ़ज़ाई के लिए आपका शुक्रगुज़ार रहूँगा। "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ भाई आदाब, बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी ठीक है *इल्तिजा मस'अले को सुलझाना प्यार से ---जो चाहे हो रास्ता निकलने में देर कितनी लगती…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service