For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ की सातवीं सालगिरह का तोहफ़ा

फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
(एक शैर में तक़ाबुल-ए-रदीफ़ नज़र अंदाज़ कर दें)


जो कहूँ जो लिखूँ ओबीओ के लिये
यूँ समर्पित रहूँ ओबीओ के लिये

माँगता हूँ यही आजकल मैं दुआ
जब तलक भी जियूँ ओबीओ के लिये

वक़्त इसके लिये कुछ निकालो ज़रा
ये गुज़ारिश करूँ ओबीओ के लिये

दूसरा काम कोई नहीं है मुझे
जब रुकूँ ,जब चलूँ ओबीओ के लिये

आप आऐं हमारे परिवार में
जो मिले ये कहूँ ओबीओ के लिये

अब ग़ज़ल या कथा ही नहीं दोस्तो
छन्द भी मैं लिखूँ ओबीओ के लिये

ज़िक्र इसका रहे हर ज़बाँ पर "समर"
काम ऐसे करूँ ओबीओ के लिये

समर कबीर
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1471

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:32pm
बहना राजेश कुमारी जी आदाब,सुख़न नवाज़ी और आपकी दुआओं के लिये शुक्रगुज़ार हूँ,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:31pm
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:28pm
जनाब अशोक कुमार रक्ताले जी आदाब,

है ख़ुदा का करम ओबीओ के लिये
हो गये एक हम ओबीओ के लिये

दाद जो आपने दी ग़ज़ल पर मुझे
है मगर दाद कम ओबीओ के लिये

ग़ज़ल आपको पसंद आई ,लिखना सार्थक हुवा,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका शुक्रगुज़ार हूँ ,दुआ कीजिये कि इसी तरह ओबीओ की सेवा करता रहूँ, ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:20pm
जनाब निलेश "नूर" जी आदाब,आपका बहुत बहुत शुक्रिया,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:18pm
जनाब मनोज कुमार एहसास जी आदाब,बहुत बहुत शुक्रिया आपका,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:16pm
जनाब अनुराग वशिष्ठ जी आदाब,आपका बहुत बहुत शुक्रिया,आपको भी सालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:14pm
जनाब लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला जी आदाब,आपका बहुत बहुत शुक्रिया,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:12pm
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,आपका बहुत बहुत शुक्रिया,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:10pm
जनाब सतविन्द्र कुमार जी आदाब,आपका बहुत बहुत शुक्रिया,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:05pm
जनाब गुरप्रीत सिंह जी आदाब,आमीन !आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service