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दर सारे दीवार हो गए ( गीत ) गिरिराज भंडारी

दर सारे दीवार हो गए

**********************

सारी खिड़की बंद लगीं अब 

दर सारे दीवार हो गये

 

भौतिकता की अति चाहत में

सब सिमटे अपने अपने में

खिंची लकीरें हर आँगन में  

हर घर देखो , चार हो गये

 

सारी खिड़की बंद लगीं अब 

दर सारे दीवार हो गए

 

पुत्र कमाता है विदेश में

पुत्री तो ससुराल हो गयी

सब तन्हा कोने कोने में

तनहा सब त्यौहार हो गए

 

सारी खिड़की बंद लगीं अब 

दर सारे दीवार हो गए

 

मेरा तेरा हर घर फैला

कपड़े उजले मन है मैला

साजिश रचते हैं रिश्ते अब

कम सबके अधिकार हो गये 

 

सारी खिड़की बंद लगीं अब 

दर सारे दीवार हो गए

 

मैं जैसा हूँ तू भी वैसा

ये भी वैसा वो भी वैसा

कौन बचाएगा अब किसको

जब सारे बीमार हो गए

 

सारी खिड़की बंद लगीं अब 

दर सारे दीवार हो गए

 

क्या आयेंगे पास पास अब

क्या दिखती है कहीं आस अब

समय जा चुका लगता है अब

अब रिश्ते स्वीकार हो गये

 

सारी खिड़की बंद लगीं अब 

दर सारे दीवार हो गए

******************************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 944

Comment

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Comment by विजय मिश्र on September 1, 2014 at 4:50pm
वाह भंडारी भाई , गीत लिखें हैं या आज के परिवारिक -समाजिक हृदय विदारक परिवेश का समुचित चित्रण किया आपने |बहुत सही प्रस्तुति , अनेक बधाई |

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:54pm

आदरणीय शिज्जू भाई , गीत की तारीफ़ के लिए आपका शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:53pm

आदरणीया महिमा श्री जी , आपकी सराहना के लिए आपका बहुत शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:51pm

आदरणीय सौरभ भाई , गीत  पर आपकी आश्वस्ति  मेरे लिए संतोष कारक है , आपका बहुत आभार |

अंतिम बंद से मई खुद भी संतुष्ट नहीं हूँ , कुछ सूझते ही सुधार लूंगा | आपका पुन: आभार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:47pm

आदरणीय सुरेन्द्र कुमार भाई , गीत के सराहना के लिए आपका आभारी हूँ |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:45pm

आदरणीय आशुतोष भाई , आपका आभार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:44pm

आदरणीय पवन कुमार भाई , हौसला अफजाई के लिए आपका शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:39pm

आदरणीय गोपाल कृष्ण भाई , सराहना के लिए आपका बहुत शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:37pm

आदरणीय नरेंद्र सिंह भाई , आपका बहुत बहुत आभार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 28, 2014 at 11:36pm
आदरणीय सुशील सरन भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका आभारी हूँ |

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