For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुंडलिया छंद 

 


नारी तू अबला नहीं, अपनी ताकत जान 

दोषी से कर सामना, पूरे कर अरमान। 
पूरे कर अरमान, तुझमे है शक्ति  ऐसी,
अपने को पहचान, शक्ति माँ दुर्गा जैसी।
मनुज करे यह भान, बने रणचंडी सबला,
कह लक्ष्मण कविराय, नहीं नारी तू अबला।
- लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला   
 

Views: 706

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 16, 2013 at 3:51pm

कुंडलियाँ छंद को सार्थक बता कर मान देने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री योगी सारस्वत जी, स्नेह बनाए रखे 

Comment by Yogi Saraswat on April 16, 2013 at 11:14am

सार्थक सन्देश देती सुन्दर कुण्डलियाँ श्री लक्ष्मन प्रसाद जी !

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 16, 2013 at 9:51am

हार्दिक आभार श्री जवाहर लाल सिंह जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 16, 2013 at 9:38am

कुंडलिया छंद पसंद करे सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री मनोज शुक्ला जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 16, 2013 at 9:36am

आपसे कुंडलिया छंद की सराहना पाकर उत्साहवर्धन हुआ है भाई श्री अशोक रक्ताले जी, हार्दिक आभार स्वीकारे 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 16, 2013 at 5:40am

बहुत ही सुन्दर!

Comment by manoj shukla on April 15, 2013 at 10:27pm
बहुत सुन्दर छंद.......बधाई स्वीकार करें आदर्णीय
Comment by Ashok Kumar Raktale on April 15, 2013 at 10:11pm

आदरणीय लक्षमण जी सादर बहुत सुन्दर कुण्डलिया छ्न्द. बधाई  स्वीकारें .

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 15, 2013 at 3:53pm

कुंडलिया छंद सराहने के लिए हार्दिक आभार श्री राम शिरोमणि पाठक जी 

Comment by ram shiromani pathak on April 15, 2013 at 3:15pm

आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत सुन्दर  कुंडलिया छंद!हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
1 hour ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
2 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
2 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service