For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बलिया मे छठ पूजा, बागी की नजर से ....

सर्व शक्तिमान एवं प्रत्यक्ष भगवान सूर्य के उपासना का पर्व छठ पिछले दिनों उत्तर भारत सहित पूरे भारत मे काफी श्रद्धा और उल्लास से मनाया गया, बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के बलिया जिले मे भी छठ का पवित्र त्यौहार धूम धाम से मनाया गया |
इस त्यौहार की खास बात यह है कि छठ पूजा मे प्रथम अर्ध्य डूबते हुये सूर्य को दिया जाता है तथा दूसरा अर्ध्य उगते हुये सूर्य का किया जाता है, यह परंपरा एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत कि " उगते सूर्य को सभी सलाम करते है तथा डूबते सूर्य को कोई सलाम नहीं करता" को झुठलाती है, साथ ही एक सन्देश भी मिलता है कि हमे अपने बुजुर्गो का ख्याल अपने नवजात से पहले करना चाहिये |

एक छोटी सी भोजपुरी कविता मैने छठ पूजा पर विशेष लिखा था वह आपके आशीर्वाद हेतु नीचे लिख रहा हूँ ...

सगरे जॅहा मे जवन कही ना होला,
होला ऊ, यू.पी.आऊर बिहार मे ,
डूबत सूरुज के पूजा होला,
छठी के त्योहार मे I

छठ के परसाद घर घर बाँटे के,
चलन बा हमनी के परिवार मे,
सगरे जॅहा मे जवन कही ना होला,
होला ऊ, यू.पी.आऊर बिहार मे I

डूबत सूरुज के पूजा कईला के,
संदेश जाला सारा संसार मे ,
बॅड बुजुर्ग के आदर कईल ,
शामिल बा,हमनी के संस्कार मे,

सगरे जॅहा मे जवन कही ना होला,
होला ऊ, यू.पी.आऊर बिहार मे,
डूबत सूरुज के पूजा होला,
छठी के त्योहार मे I
( हलाकि अब तो यह त्यौहार पूरे भारत मे मनाया जाने लगा है )

Views: 3090

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on November 16, 2010 at 10:39pm
गणेश भैया छठ-पूजा के छाया-चित्र सुन्दर हैं लेकिन आपकी कविता में आनंद आ गया ..सच में प्रवाह और शब्द विन्यास अद्वितीय है बधाई भाई

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 16, 2010 at 10:09pm
आदरणीया अनुपमा जी, आप ने छठ पूजा दर्शन किया, मेरा श्रम सार्थक हुआ | धन्यवाद आपको |

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 16, 2010 at 10:07pm
आदरणीय प्रधान संपादक जी, बड़े भाई नविन जी , छोटे भाई रत्नेश रमण और मित्र राणा जी, आप सबका बहुत बहुत आभार, आप लोगो ने हौसलाफजाई की, धन्यवाद आप सबका |
Comment by Anupama on November 16, 2010 at 9:58pm
sundar tasweerein!!
aapki rachna bhi manbhavan hai!!!
sundar prastuti!!!
chathi maiyya ke darshan karwane hetu aabhar!

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on November 16, 2010 at 8:46pm
बागी भैया बहुत सुन्दर तस्वीरें हैं ये और कविता उससे भी ज्यादा सुन्दर|
Comment by Ratnesh Raman Pathak on November 16, 2010 at 4:56pm
अत्यंत खुसी मह्सुश हो रही है आपके इन तस्वीरों को और खासकर यह भोजपुरी कविता ....जिसका एक एक शब्द हमारे संस्कृति,संस्कार,और आस्था का बखूबी बखान कर रहा है.धन्यवाद्

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 16, 2010 at 11:22am
धन्यवाद बागी जी इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए ! आपकी कविता भी दिल को छू लेने वाली है, विशेषकर ये पंक्तियाँ :
//डूबत सूरुज के पूजा कईला के,
संदेश जाला सारा संसार मे ,
बॅड बुजुर्ग के आदर कईल ,
शामिल बा,हमनी के संस्कार मे, //
डूबते सूरज की तुलना बड़े बजुर्गों से - वाह वाह !

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 16, 2010 at 11:14am
प्रीतम भाई, अब तो छठ पर्व ग्लोबल हो गया है | टिप्पणी हेतु धन्यवाद |

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 16, 2010 at 11:13am
आदरणीय भाई शैलेश्वर पाण्डेय जी, आप की टिप्पणी अत्यंत ही उत्साहवर्धक है, सच कहता हूँ मन दुगुने आत्मविश्वास से भर जाता है |
बहुत बहुत धन्यवाद, इस आशीर्वाद हेतु |
Comment by Shaileshwar Pandey ''Shanti'' on November 16, 2010 at 11:00am
Bahut hi achha Shree Ganesh Bagi Ji,aap ne yah sidh kar hi diya ki U.P. Aur Bihar ki garima ka kiya mahatav hai. Bagi Ji, vaise bhi Ballia ka Bharat kiya Duniya ke manchitra par ek alag hi pahachan hai. Es Bhreegu Muni ke pawan dharti per First Freedoom Fighter Shaheed Mangal Pandey, Shaheed Chhitu Pandey, Hajari Prasad Dwedi Ji sahit aneko mahapurusho ne jaan liye hai.
....."डूबत सूरुज के पूजा कईला के,
संदेश जाला सारा संसार मे ,
बॅड बुजुर्ग के आदर कईल ,
शामिल बा,हमनी के संस्कार मे,"....
Ati Sundar aur sarahaniy kavita hai. Padha kar maan 'Gaurav' se paripurn ho gaya. Aap ne jo prayas kiya hai, vyakarane ke liye mere shabdh kosh me shabdh nahi hai. Iswar aap ko aur gyan ka bhandar de. Ye mera hardik eksha hai.... Bahut-bahut dhanyavaad.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Wednesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service