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"होली" सायलीछंद

शिल्प- 1 2 3 2 1 शब्द

(1)
होली
का त्योहार
जीवन में लाया
रंगों की
बौछार।

(2)
होली
में जलते
अत्याचार, कपट, छल
निष्पाप भक्त
बचते।

(3)
होली
लाई रंग
हों सभी लाल
खेलें पलास
संग।

(4)
होली
देती छेद
ऊँच नीच के
मन से
भेद।

(5)
सत्रह
की होली
भाजपा की तूती
देश में
बोली।

(6)
बासुदेव
की चाहना
सभी मित्रों को
होली की
शुभकामना।

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Samar kabeer on March 14, 2017 at 6:24pm
जनाब बासुदेव अग्रवाल'नमन'जी आदाब,होली पर्व के अवसर पर बढ़िया सायलीछन्द हुए हैं,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
कृपया इस छन्द के बारे में थोड़ा विस्तार से बताएं ।
साथ ही होली की गर्दिक बाधा और शुभकामनायें ।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on March 12, 2017 at 8:10pm
आ0 मोहम्मद आरिफ जी होली की शुभकामना के साथ आभार।
Comment by Mohammed Arif on March 12, 2017 at 6:19pm
आदरणीय वासुदेव जी आदाब, होली के रंगों में रंगे सायली छंद के लिए आपको बधाई और होली की शुभ-कामनाएँ ।

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