For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अन्वेषण स्वयं का 
जैसे 
अनंत शून्य में भटकना 
क्या सत्य है मेरा ,
या कोई मिथ्या 
अंतरद्वंद या छलावा 
मैं बुद्ध नहीं 
महावीर भी नहीं हूँ 
जो संसार के कष्टों से भाग चलूँ |
नहीं बैठ सकता कंदराओं में ,
वृक्षों के नीचे 
और करूँ अन्वेषण 
सत्य का 
कष्टों से मुक्ति का |
खुद को ही सहेजना 
सुलझाने की जगह 
जीवन के जटिलता का |
यह अपराध है 
जो मैं नहीं कर सकता |
मैं बंद पड़ी गांठों 
को खोलता हूँ 
अपनी असमर्थ अँगुलियों से |
मेरा सत्य 
यहीं बंद है |
मेरे अंतर के माया-जाल 
की कुंजी यहीं बंधी है |
बस गांठें खोल लूँ |
मैं ब्रम्ह हूँ 
आभास मुझे है 
मैं स्वयं सृष्टी हूँ 
फिर क्यूँ 
ये अंतर्द्वंद 
ये विचारों का मंथन ,
कुछ अनुतरित सा हो जाता हूँ |
जब कोई करता है 
मेरा अन्वेषण |--शशि

Views: 412

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Shashi Ranjan Mishra on May 17, 2011 at 10:31pm
साहित्य जगत के प्रगाढ़ और उन्नत लहरों के बीच मेरे भावों के बूंद भर अंशदान पर इतना प्यार मिला | मैं कृतार्थ हुआ |
Comment by Rash Bihari Ravi on May 9, 2011 at 5:16pm
khubsurat lajabab manmohak bicharsil

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 22, 2011 at 5:29pm

//..मैं बंद पड़ी गांठों 
को खोलता हूँ 
अपनी असमर्थ अँगुलियों से |
मेरा सत्य 
यहीं बंद है .. //

बहुत-बहुत बधाई इस धीरजभरी कथात्मकता पर. ..शुभकामनाएँ.

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on April 22, 2011 at 4:12pm

 

बहुत ही खूबसूरत।..........

 

Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on April 22, 2011 at 4:12pm

 

बहुत ही खूबसूरत।..........

 

Comment by Tilak Raj Kapoor on April 22, 2011 at 12:20pm

खूबसूरत।

Comment by neeraj tripathi on April 21, 2011 at 9:06pm
great ...speechless
Comment by nemichandpuniyachandan on April 21, 2011 at 9:03pm
shree,shashi ranjan mishra ji,anant shoony mein bhatakana/aadhaa saty hai meraa.vaah.....Badhai.
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 21, 2011 at 8:39pm
वाह शशि भैया वाह...क्या लिखा है आपने...गजब का कमाल दिखाया है आपने कलम से...बहुत ही बढ़िया..

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 21, 2011 at 8:30pm
मैं ब्रम्ह हूँ 
आभास मुझे है 
मैं स्वयं सृष्टी हूँ 
फिर क्यूँ 
ये अंतर्द्वंद 
ये विचारों का मंथन ,
बेहतरीन अभिव्यक्ति है शशि भाई, वैसे तो आप की सभी रचनायें अच्छी होती है , उसी क्रम में ये रचना भी भावप्रधान बन पड़ी है , बहुत बहुत बधाई इस काव्य कृति हेतु |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
43 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
44 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
1 hour ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
1 hour ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service