For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अतुकांत कविता : मुक्ति (गणेश जी बागी)

मुख पर स्थाई भाव
न राग न द्वेष
शांत और निच्छल
पूर्णता को प्राप्त

जिन्दगी की भाग-दौड़
बहू की भुन-भुन
बेटे की झिड़की 
पत्नि की देखभाल

और ....

महंगी दवाइयों से
मिल गयी मुक्ति
 

चल पड़ा वो
सब कुछ त्याग
महा-यात्रा पर....

(मौलिक व अप्रकाशित)
पिछला पोस्ट => तरही ग़ज़ल (तू रात की रानी है)

Views: 841

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 4, 2015 at 4:46pm

जीवन का यथार्थ दर्शाती , भावुक करती इस रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीय बागी जी 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 19, 2015 at 11:40am

आदरणीय नीरज कुमार नीर जी, आपकी सराहना पाकर रचना और समृद्ध हुई, बहुत बहुत आभार।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 19, 2015 at 11:39am

आदरणीय सौरभ भईया, रचना को आपका आशीर्वाद मिला, रचना पूर्ण हुई एवं रचनाकार तृप्त हुआ, बहुत बहुत आभार।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 16, 2015 at 7:53pm

आदरणीय हरिप्रकाश दुबे जी, आप द्वारा सराहना युक्त प्रतिक्रिया प्राप्त कर रचना सार्थक प्रतीत होने लगी है, बहुत बहुत आभार.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 16, 2015 at 7:51pm

आदरणीया राजेश जी, रचना को आपका आशीर्वाद मिला लेखन कर्म सार्थक लगने लगा, सराहना और प्रोत्साहन हेतु बहुत बहुत आभार.

Comment by Neeraj Neer on April 16, 2015 at 5:35pm

बहुत भावपूर्ण रचना ...  यह  महायात्रा तो हर कष्ट एवं असुविधा से मुक्ति का मार्ग है ..... मर्माहत  करती हुई रचना के लिए बधाई ..... 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 16, 2015 at 3:28pm

सहज राहों के सामान्य यात्रियों की महायात्रा का अत्यंत संवेदनशील प्रस्तुतीकरण पर हार्दिक बधाई, गणेश भाई..

अश्वत्थ एवं छतनारों तक का असहाय-सा धराशायी होना किंकर्तव्यविमूढ़ कर देता है. फिर ऐसे मुमुक्षुओं का दिशा-प्रणाय तो सिहरा देता है. आपकी दष्टि को शब्दों का सहयोग मिला है. 

हार्दिक शुभकामनाएँ


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 16, 2015 at 9:00am

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी, रचना पर आपकी उपस्थिति और सुझाव दोनों मुग्धकारी है, बहुत बहुत आभार.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 16, 2015 at 8:59am

आदरणीय राजकुमार आहूजा जी, रचना पर आपकी सकरात्मक प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार.

Comment by Hari Prakash Dubey on April 15, 2015 at 10:41pm

आदरणीय  इं " बागी " सर , बहुत ही संक्षेप  में पर अपने आप में  बहुत विस्तार  लिए हुए  सुन्दर रचना ! हार्दिक बधाई ! सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
10 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
10 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
11 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service