For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

घिर आये स्याह बादल सरे शाम

घिर आये स्याह बादल सरे शाम
स्याह*-काले
और उदास ये जेहन क्यूँ हुआ
जेहन*-मन
पोशीदाँ अहसास क्यूँ उभर आये
पोशीदाँ*-छुपा हुआ
ये दिल तनहा दफ्फअतन क्यूँ हुआ
दफ्फअतन*-अचानक
यूँ तो अब तक चेहरे की ख़ुशी छुपाते थे
ग़म छुपाने का ये जतन क्यूँ हुआ
कोई चोट तो गहरी लगी होगी
ये संगतराश यूँ बुतशिकन क्यूँ हुआ
संगतराश*-मूर्तिकार, बुतशिकन*-मूर्तिभंजक
दुष्यंत......

Views: 492

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by दुष्यंत सेवक on May 21, 2010 at 11:38am
ganesh jee ke agrah par maine urdu shabdon ke hindi arth likh diye hai....yakeen maniye maine in shabdon ka upyog panditya bagharne ke liye nahi kiya man me yehi shbd aaye the to likh diye....koshish karunga thode grahya shabdon ka upyog karu.....sabhi pratikriyaon ke liye tah e dil se shukriya....mujhe apki pratikriyaen aur behtar likhne ke liye prerit karengi dhanyavaad

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 21, 2010 at 10:03am
Very nice indeed - keep it up Dushyant bhai.
Comment by Khushboo on May 21, 2010 at 9:55am
यूँ तो अब तक चेहरे की ख़ुशी छुपाते थे
ग़म छुपाने का ये जतन क्यूँ हुआ
bahut badhiya dushyant jee.....keeo it up......
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 21, 2010 at 9:54am
घिर आये स्याह बादल सरे शाम
और उदास ये जेहन क्यूँ हुआ
पोशीदाँ अहसास क्यूँ उभर आये
bahut hi badhiya dushyant bhai......aapki pehli rachna hai ye aur ekdam shaandaar hai...

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 20, 2010 at 8:43pm
दुष्यंत भाई अच्छी ग़ज़ल है, आग्रह है की जैसे आपने अपने दूसरे ग़ज़ल मे उर्दू के कठिन शब्दो का हिन्दी तेर्जनूमा लिख देंगे तो समझने मे हम जैसो को और भी सहूलियत हो जाएगी, शुक्रिया,
Comment by दुष्यंत सेवक on May 20, 2010 at 1:02pm
dhanyavaad admin sahab....zarranavazi ka shukriya...inayat rahi to aage bhi pesh karta rahunga apne ashaar...
Comment by Admin on May 20, 2010 at 12:57pm
यूँ तो अब तक चेहरे की ख़ुशी छुपाते थे
ग़म छुपाने का ये जतन क्यूँ हुआ
कोई चोट तो गहरी लगी होगी
ये संगतराश यूँ बुतशिकन क्यूँ हुआ
आदरणीय दुष्यंत सेवक जी ,
प्रणाम,
सबसे पहले तो मै आपके पहले ब्लॉग का ओपन बुक्स ऑनलाइन के मंच पर स्वागत करता हू, आपने बहुत ही उम्द्दा ग़ज़ल लिखा है, आदरणीय योगराज प्रभाकर जी का मै तहे दिल से शुक्रिया करता हू की उन्होने ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार मे आप जैसे बेहतरीन फनकार के रूप मे एक अनमोल हिरा दिया है, बहुत ही सुंदर और ससक्त अभिव्यक्ति है ये गजल आपका, आगे भी आप की रचना का इन्तजार रहेगा, धन्यवाद,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति में जिन चिह्नों से युग्मकों को अलग किया गया है उन्हें हटा दिया…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service