उगते रिश्ते ,ढलते रिश्ते ; 
रुकते रिश्ते चलते रिश्ते . 
मन के रिश्ते मन से रिश्ते 
तन के रिश्ते तन से रिश्ते 
अपने रिश्ते बनते रिश्ते 
सपने रिश्ते तनते रिश्ते . 
उसके रिश्ते इसके रिश्ते 
रिसते रिश्ते ,घिसते रिश्ते . 
शासक रिश्ते शासित रिश्ते , 
बेदम रिश्ते ,बा-दम रिश्ते . 
रिश्ते नीरज ,नीरस रिश्ते 
रिश्ते सुधा कहीं गरल रिश्ते . 
आंगन रिश्ते उपवन रिश्ते , 
हैं धरा जलद गगन रिश्ते . 
 रिश्ते पूनम क़ा चाँद भी हैं , 
तारे नयनाभिराम भी हैं . 
रिश्ते हैं कौर-कलेवा भी 
रिश्ते हर युग क़ा मेवा भी . 
 रिश्ते मधु सम मधुरिम रिश्ते , 
सत्यम शिवम सुन्दरम रिश्ते 
.
दीप जीरवी -- deepzirvi 9815524600
Comment
dhnywaad rekha joshi ji
आदरणीय दीप जी ,सादर
सत्यम शिवम सुन्दरम रिश्ते ,हर रिश्ते की अपनी एक गरिमा होती है ,सुंदर अभिव्यक्ति ,बधाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
    © 2025               Created by Admin.             
    Powered by
    
    
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online