For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं लिखना चाहती हूँ गीत 

तेरी प्रशंसा में, प्रकृति 

लेकिन तू तो स्वयं एक गीत है 

जीता जागता संगीत है 

लयबद्ध , तालबद्ध 

छंद है  ,गान है 

एक अनवरत अनचूक सिलसिला  है जीवन का |

तेरे मौसम से 

मेरे जीवन का अटूट रिश्ता है 

तेरा मेरा ये रिश्ता पुराना है, जन्मों का 

लगता है  मैं  तेरी ही बाँहों में खेली हूँ

 तेरे ही साथ जागी तेरे ही साथ सोयी हूँ 

तेरी ताल पर ही मेरे पैर  थिरके हैं 

तेरे सोंदर्य में ही मेरी आँखें खोई हैं  

तेरे ही नज़ारे मेरी नजर में बसे हैं 

तेरी ख़ुशी में मैं खुश हूँ 

तेरी उदासी मेरी है 

तेरी मुस्कराहट मेरी खिलखिलाहट

तेरी टूटन मेरी छटपटाहट है .

तू ही मेरी आकृति ,तू ही मेरा लिबास है 

तुझे पहनूं ,  ओढू  या बिछाउ,

तुझसे बातें करूँ ,

तुझे प्यार करूँ या 

तुझे बनाने वाले से , 

सुन्दर, अतिसुन्दर अभिव्यक्ति हे तू प्रकृति 

मेरे  सर्जनहार   की |

 

  • मोहिनी चोरडिया 

Views: 374

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ambrish Singh Baghel on September 7, 2011 at 12:09pm
 बेहद ही खुबसूरत पंक्तियाँ..
Comment by Abhinav Arun on September 6, 2011 at 3:59pm

तू ही मेरी आकृति ,तू ही मेरा लिबास है 

तुझे पहनूं ,  ओढू  या बिछाउ,

तुझसे बातें करूँ ,

तुझे प्यार करूँ या 

तुझे बनाने वाले से , 

सुन्दर, अतिसुन्दर अभिव्यक्ति हे तू प्रकृति 

मेरे  सर्जनहार   की |

EK KAVI KE  DIL KI GAHRAION SE NIKLE BHAAV !! BEHATAREEN BAHUT BAHUT BADHAI !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 4, 2011 at 7:57pm

प्रकृति की व्यापकता को सादर अनुमोदित करती नम्र रचना..

अनेकानेक शुभकामनाएँ


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 4, 2011 at 5:07pm

मोहिनी जी बहुत ही खुबसूरत रचना, मन के भों को आयाम दिया है आपने , बधाई आपको |

Comment by आशीष यादव on September 3, 2011 at 11:49pm

sundar kawita hetu badhai.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
16 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service