आसमान से टूटा तारा उल्का बनकर दौड़ चला
अन्धकार के महाशून्य में पाने अपनी राह चला
घर छूटने का तो दुःख था साथ टूटने का ग़म भी
अंतिम बार जो मुड़के देखा उसके नैन हुए नम भी
उसके वेग से महाशून्य में ज़ोर की गर्जन फ़ैल गयी
मिलों तक फिर ऊर्जा फैली अंधियारे को लील गयी
अभी जन्म हुआ था उसका चाल में अभी लड़कपन था
सालो बीते चलते चलते अब आने वाला यौवन था
सिर भागता था आगे उसका पूँछ दूर तक फैली थी
पीछे फैली कई मील तक तुक्ष पिंड की रैली…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 3, 2022 at 11:40am — No Comments
उसकी एक हंसी से बगिया की सारी क्यारी खिल गयी
आज हमारे उदासी घर को ढेर सी खुशियां मिल गयी
दिए जलाओ ख़ुशी मनाओ फूलों का झूला तैयार करो
लक्ष्मी चल कर घर है आई मिलकर उसका सत्कार करो
जिसके कर्म बड़े अच्छे हो बड़े पुण्य के काम किए
कर्म फल उनको है मिलता कन्या का अवतार लिए
जिसके घर में बेटी जन्मी , वो घर स्वर्ग बन जाता है
माँ बाप का पूरा जीवन तभी सफल हो जाता है
उसके घर में ना होने से जग सुना हो जाता है
चाहे भीड़ बरी हो घर में…
ContinueAdded by AMAN SINHA on March 2, 2022 at 11:27am — 3 Comments
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