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आशीष यादव's Blog – November 2010 Archive (4)

बहार की व्यथा

बहार की व्यथा



अभी कुछ साल ही तो बीते हैं |

बसंत की तरह निरंतर प्रसन्नचित,

उजड़े चमन को भी खिला देने वाला मै,

साथ लिए चलता था सुरभित मलय पवनों को |



हर-एक गुलशन को चाहत थी मेरी,

मेरे स्पर्शों की, मेरे छुवन की |

हर कली मेरा स्पर्श पाकर फूल होना चाहती थी |

मै भी खुश होता, सबको खुश करता, आगे बढ़ जाता |



धीरे-धीरे सब कुछ बदला |

जगह, समाज, धर्म, मंदिर, मस्जिद,

मतलब सब कुछ |

तब मुझे दुःख नहीं हुआ |

मै क्या जानता था की इस…

Continue

Added by आशीष यादव on November 19, 2010 at 11:00am — 16 Comments

मै आइना हूँ

मै, जो वाकिफ करता हूँ तुमको, तुमसे|

पहचान बताता हूँ तुम्हारी|

क्या हो तुम, किस बात पे गुरुर है तुम्हे,

सब दिखता हूँ मै|



खामियां क्या हैं? झलक रही हैं चेहरे पर,

ये मै ही हूँ, जो तुम्हे दिखता हूँ,

और बताता हूँ की तुम क्या हो|



आओ मेरे सामने, हकीकत बयां करूँगा|

यदि तुम मुझे तोड़ भी दो तो भी

तुम्हारी बुराइयां नहीं छिपेगीं|

मेरे टुकडो के बराबर गुना तुम्हारी खामियां नज़र आएगी|



इतने दूर क्यों खड़े हो?

कितने ऊँचाई पर हो, आओ मै… Continue

Added by आशीष यादव on November 19, 2010 at 10:43am — 5 Comments

मैंने सारे बंधन तोड़ दिए

मैंने सारे बंधन तोड़ दिए,

भंवर में ही उनको छोड़ दिए|

ऐसा उसने कहा था|



ये है बिलकुल हकीकत,

रहा मै वहीँ तक|

साथ में औरों को जब

वो जोड़ लिए........

मैंने सारे..................



वाकई मै गलत था,

इसका क्या मतलब था?

कुछ कहे ही बगैर

उनको छोड़ दिए............

मैंने सारे......................



नाव फिर कभी न बहती,

भार भी न वो सहती|

साथ दोनों को तन्हा ही

छोड़ दिए..................

मैंने… Continue

Added by आशीष यादव on November 15, 2010 at 10:00am — 6 Comments

बनकर साकी आया हूँ

बनकर साकी आया हूँ मै आज जमाने रंग|

ऐसी आज पिलाऊंगा, सब रह जायेंगे दंग||



अभी मुफिलिसी सर पर मेरे, खोल न पाऊं मधुशाला|

फिर भी आज पिलाऊंगा मै हो वो भले आधा प्याला|

ऐ मेरे पीने वालों तुम, अभी से यूँ नाराज न हो|

मस्त इसी में हो जावोगे, बड़ी नशीली है हाला|



एक-एक पाई देकर मै जो अंगूर लाया हूँ|

इमानदारी की भट्ठी पे रख जतन से इसे बनाया हूँ|

तनु करने को ये न समझना, किसी गरीब का लहू लिया|

राजनीति से किसी तरह मै अब तक इसे बचाया हूँ|



हर बार… Continue

Added by आशीष यादव on November 11, 2010 at 2:30pm — 11 Comments

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