For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला's Blog – July 2012 Archive (6)

अनमोल खजाना

याचना है सांथियों मुझको राह दिखाना 
मकसद जिंदगी का मुझको भी बतलाना 
 

जिंदगी  का मकसद,किस राह पर है चलना 
तक़दीर में पाने को, क्या लिखा है मिलना 
 
अतीत की यादों को दिल में बसाता इंसान है 
अतीत के गहरे जख्म छुपा लेता…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 30, 2012 at 9:00pm — 4 Comments

कौन बचाए लाज

बेशर्मी का ओढा चोला,सारा सभ्य समाज,

चीखे अबला द्रोपदी, कौन बचाए  लाज//
 
महंगाई से तरस रहे, भुखमरी की मार 
भ्रूण हत्या कैसे रुके, पंगु हुई सरकार //
 
दोस्तों से गुठ रही, घर में रहे मन मार
भाई बंधू…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 26, 2012 at 5:30pm — 13 Comments

हिसाब का सिलसिला

हिसाब का सिलसिला 



उधार बेच उगाई करने, जब गया,
बोंला हिसाब मिलाया नहीं अभीतक |
समय हो गया दफ्तर बंद करो, 
बोंला रोकड़ का मेल हुआ नहीं अभीतक |
  
ओबीओ काव्य में कौन…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 24, 2012 at 11:30am — 4 Comments

श्रद्धाजलि -

श्रद्धाजलि -

(दीवाना रूप मस्ताना प्यार जिसका )
 
बसर करता रहा जो  जिंदगी-
अपनी अदा से,
लुटाता रहा प्यार जो,
अपनी नजर से,
चाहता रहा प्यार जिसका-…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 19, 2012 at 9:30am — 4 Comments

गृहस्थी का दायित्व

गृहस्थी का दायित्व 



चारो भाइयों में बड़े लडके नयन बाबू की माँ लड़को को बाहर खेलने नहीं निकलने देती थी, ताकि वे बिगड़ न जावें | अचानक माँ का देहांत हो गया | उस समय नयन बाबू 16 वर्ष और पिताजी 46 वर्ष के थे | पिता प्रभु व्यसायी और सामाजिक कार्यकर्त्ता थे | पिता ने २० वर्षीय विधवा से पुनर्विवाह कर लिया | अपनी माँ के नियंत्रण के कारण कभी घर से न निकलने…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 16, 2012 at 10:08am — 8 Comments

प्यार पूज्य हो जायेंगा

हे जलधि, जब कोई ग़ोताखोर
तुम्हारे गर्भ में घुस,
मोती चुग-
दूर हो जायेंगा,
प्यार को वासनामयी
आँखों से देखा जायेंगा |
अगर- ग़ोता लगा,
गर्भ में ही लीन हो जायेंगा,
प्यार पूज्य हो जायेंगा |
फूल-सा चेहरा खिलेगा(जन्मेगा)
चमन में खुशबु महकेगी
किसी को कोई
आपत्ति नहीं होगी |

- लक्ष्मण लडीवाला, जयपुर

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 5, 2012 at 11:30am — 5 Comments

Monthly Archives

2017

2016

2015

2014

2013

2012

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service