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डॉ. सूर्या बाली "सूरज"'s Blog – June 2016 Archive (4)

बेवफ़ा सुन ले तुझे प्यार किया है मैंने

साहब ए इश्क़1 को अफ़गार2 किया है मैंने

बेवफ़ा सुन ले तुझे प्यार किया है मैंने

 

कोई सौदागर ए ग़म3 हो तो इसे ले जाये

दर्द ओ ग़म को सरे बाज़ार किया है मैंने

 

दिल की दहलीज़4 पे रख के तेरी यादों के चिराग

हर शब-ए-हिज़्र5 को गुलज़ार किया है मैंने

 

दर्द पिघले तो न बहने लगे आँखों से कहीं

दिल के ज़ख़्मों को ख़बरदार किया है मैंने

 

उसकी रुसवाई6 न हो…

Continue

Added by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 26, 2016 at 1:30am — 5 Comments

उम्र गुज़रेगी कैसे तेरे बग़ैर

दे दिया दिल किसी को जाने बग़ैर

जी न पाऊँ अब उसको देखे बग़ैर



वो ही धड़कन वही है सांसें अब

ज़िंदगी कुछ नहीं है उसके बग़ैर



एक पल काटना भी मुश्किल है

उम्र गुज़रेगी कैसे तेरे बग़ैर



सोचता हूँ के भूल जाऊँ तुझे

रह नहीं पाता तुझको सोचे बग़ैर



कोई गुलशन कहाँ मुकम्मल है

फूल तितली गुलाब भौंरे बग़ैर



ज़िंदगी ज़िंदगी नहीं है अब

काटता हूँ जो रोज़ तेरे बग़ैर



रिश्तों में प्यार की नमी रखिए

सूख जाते हैं फूल सींचे… Continue

Added by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 20, 2016 at 9:59pm — 6 Comments

तपन है आग है शोले हैं चिंगारी है सीने में

तपन है आग है शोले हैं चिंगारी है सीने में

अजब सी बेक़रारी है बिछड़ कर तुमसे, जीने में



मेरे दिल की हर इक धड़कन यही फ़रियाद करती है

बुला लीजै मेरे आका मुझे भी अब मदीने में



ज़रूरी है नहीं की हर सफ़र अंजाम तक पहुंचे

गुहर मिलते नहीं सबको मुहब्बत के दफ़ीने में



गरजते बादलों के ख़ौफ़ से उसका लिपट जाना

बहुत ही याद आता है वो बारिश के महीने में



कोई इक दोस्त आ जाए कोई दुश्मन ही आ जाए

मज़ा आता नहीं "सूरज" अकेले जाम पीने में



डॉ… Continue

Added by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 12, 2016 at 12:36pm — 11 Comments

क्या पता था इश्क़ मे ये हादसा हो जाएगा

क्या पता था इश्क़ मे ये हादसा हो जाएगा

वो वफ़ा की बात करके बेवफ़ा हो जाएगा

 

रास्ता पुरख़ार है या मौसमे गुल से भरा

जब भी निकलोगे सफ़र में सब पता हो जाएगा

 

रफ़्ता रफ़्ता ज़िंदगी भी बेवफ़ा हो जाएगी

रफ़्ता रफ़्ता इस जहां में सब फ़ना हो जाएगा

 

धड़कनें पूछेंगी ख़ुद से बेक़रारी का सबब

दो दिलों के दरमियाँ जब फ़ासला हो जाएगा

 

कौन किसका साथ देता है यहाँ पे उम्र भर

शाम तक तेरा ये साया भी जुदा हो जाएगा

 

अपने…

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Added by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 6, 2016 at 11:56pm — 14 Comments

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