For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आशीष यादव's Blog – January 2023 Archive (3)

गज़ल : पत्थरों पर चल रहा हूं

2122 2122

पत्थरों पर चल रहा हूँ

रास्तों को छल रहा हूँ 1

लग रहा हूँ आज मीठा

सब्र का मैं फल रहा हूँ 2

कर दिया उनको पवित्तर 

यार गंगा जल रहा हूँ 3 

अब नहीं ख्वाहिश किसी की

हाँ कभी बेकल रहा हूँ 4

आज इतनी गाड़ियाँ है

मैं कभी पैदल रहा हूँ 5

याद आऊँ, मुस्कुरा दो 

वह तुम्हारा कल रहा हूँ 6

मैं डुबोया हूँ खुद ही को

स्वयं का दलदल रहा हूँ…

Continue

Added by आशीष यादव on January 19, 2023 at 11:56pm — 1 Comment

ऋतु शीत रवानी में अपने

ऋतु शीत रवानी में अपने

ऊर्ध्वगी जवानी में अपने  

चहुँओर सर्द को बढ़ा रही

जीवन वह्निः तक बुला रही

थी जगह जगह जल रही आग

प्रमुदित होकर जन रहे ताप 

कौड़े में जैसे उठी ज्वाल

मन मोह लिया इक अधर लाल 

रति जैसी जिसकी छाया थी

वह थी समक्ष या माया थी

पहने थे वसन तरीके से 

सब सज्जित स्वच्छ सलीके से 

कुंतल को उसने झटक दिया 

मनसिज प्रसून पर पटक दिया

कितने उद्गार उठे मन में 

ताड़ित से कौंध रहे तन…

Continue

Added by आशीष यादव on January 19, 2023 at 11:10am — No Comments

तस्वीर: एक मोहक चित्र

2122 2122 2122 2122

क्या पता उस लोक में दिखती हैं कैसी अप्सराएँ

किस तरह चलतीं मचल कर किस तरह से भाव खाएँ

कौन सा जादू लिए फिरतीं सभी पर मार देतीं

किस तरह पुचकारती हैं किस तरह से प्यार देतीं 

क्या महावर और मेहँदी आँख में काजल अनोखा

केशिनी मृगचक्षुणी हैं सत्य, या उपमान धोखा 

किस तरह श्रृंगार रचती किस तरह गेशू सजाएँ

क्या पता कितनी सही है आमजन की कल्पनाएँ

आज देखी थी परी जो हाल कुछ उसका सुनाऊँ

देखता ही रह गया…

Continue

Added by आशीष यादव on January 19, 2023 at 6:32am — 1 Comment

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
2 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
4 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
6 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
7 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय तिलक राज कपूर साहब,  आपका तह- ए- दिल आभारी हूँ कि आपने अपना अमूल्य समय देकर मेरी ग़ज़ल…"
9 minutes ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"जी आदरणीय गजेंद्र जी बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
25 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
25 minutes ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीया ऋचा जी ग़ज़ल पर आने और हौसला अफ़जाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
25 minutes ago
Chetan Prakash commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । "छिपी है ज़िन्दगी मैं मौत हरदम वो छू लेगी अगर (…"
26 minutes ago
surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय भाई लक्ष्मण जी  हौसलाअफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
27 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।गजल का प्रयास अच्छा है। सुझाव से यह निखर गयी है। इसका संज्ञान…"
33 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई गजेंद्र जी, हार्दिक आभार।"
46 minutes ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service