For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Kalipad Prasad Mandal's Blog – January 2018 Archive (6)

लावणी छंद पर आधारित रचना =कालीपद 'प्रसाद'

मुसीबतों से लोकतंत्र को, जल्दी उबारना होगा

निर्धनों के हक़ में देश में कानून बदलना होगा |

निर्धन नहीं खड़ा हो सकता, पार्षद के भी चुनाव में

लाखों रुपये चाहिए उसे, चुनाव दंगल लड़ने में |

गणतंत्र अभी धनतंत्र हुआ, धनाढ्य चुनाव लड़ते हैं

गरीब कैसे लडेगा भला, पास न लाखो रूपये हैं’ |

धनबल बाहुबल की प्रचुरता, ताकत बड़ी अमीरों की

निर्धनता ही कमजोरी है, इस देश के गरीबो की |

भ्रष्टाचार और महँगाई, साथ यौन शोषण भी…

Continue

Added by Kalipad Prasad Mandal on January 28, 2018 at 10:17am — 5 Comments

ग़ज़ल-ये'  माया मोह का  चक्कर है’ कैसे काटे’ बंधन को|

काफिया :अन ; रदीफ़ : को

बहर : १२२२  १२२२  १२२२  १२२२

अलग अलग बात करते सब, नहीं जाने ये' जीवन को

ये'  माया मोह का  चक्कर है’ कैसे काटे’ बंधन को|

किए  आईना’दारी मुग्ध  नारी जाति  को जग में

नयन मुख के  सजावट  बीच भूले  नारी’ कंगन को |

सुधा रस  फूल का पीने दो’ अलि  को पर कली को छोड़

कली को नाश कर अब क्यों उजाड़ो पुष्प गुलशन को|

बदी की है वही जिसके लिए हमने दुआ माँगी

न ईश्वर दोस्त ऐसे दे मुझे या मेरे…

Continue

Added by Kalipad Prasad Mandal on January 23, 2018 at 11:02am — 8 Comments

ग़ज़ल -महात्मा जो हैं, वो करम देखते हैं=कालीपद 'प्रसद'

काफिया : अम   रदीफ़: देखते हैं

बह्र : १२२  १२२  १२२  १२२

महात्मा जो हैं, वो करम देखते हैं

अधम लोग उसका, जनम देखते हैं |

बहुत है दुखी कौम  गम देखते हैं

सुखी कौम गम को तो’ कम देखते हैं |

अतिथि मुल्क में जो भी’ आये यहाँ पर  

मनोहर बियाबाँ, इरम देखते है |

दिशा हीन सब नौजवान और करते क्या

वज़ीरों के’ नक़्शे कदम देखते हैं |

किया देश हित काम जनता ही’ देखे

विपक्षी तो’ केवल सितम देखते हैं…

Continue

Added by Kalipad Prasad Mandal on January 17, 2018 at 11:30am — 2 Comments

ग़ज़ल -हुक्म की तामील करना कोई’ बेदाद नहीं-कालीपद 'प्रसाद'

काफिया : आद ; रदीफ़ :नहीं

बहर : २१२२  २१२२  २१२२  २२(११२)

हुक्म की तामील करना कोई’ बेदाद नहीं

बादशाही सैनिकों से कोई’ फ़रियाद नहीं |

“देशवासी की तरक्की हो” पुराना नारा

है नई बोतल, सुरा में तो ईजाद नहीं |

भक्त था वह, मूर्ति पूजा की लगन से उसने

द्रौण से सीखा सही वह, द्रौण उस्ताद नहीं |

देश है आज़ाद, हैं आज़ाद भारतवासी

किन्तु दकियानूसी’ धार्मिक सोच आज़ाद नहीं |

लूटने का मामला…

Continue

Added by Kalipad Prasad Mandal on January 13, 2018 at 9:41am — 8 Comments

ग़ज़ल -चहरा छुपा रखा है’ सनम ने नकाब में- कालीपद 'प्रसाद'

काफिया : आब ; रदीफ़ : में

बहर : २२१  २१२१  १२२१  २१२

चहरा छुपा रखा है’ सनम ने नकाब में

मुहँ बंद किन्तु भौंहे’ चड़ी हैं इताब में |

इंसान जो अज़ीम है’ बेदाग़ है यहाँ  

है आग किन्तु दाग नहीं आफताब में |

जाना नहीं है को’ई भी सच और झूठ को

इंसान जी रहे हैं यहाँ’ पर सराब में  |

इंसां में’ कर्म दोष है’, जीवात्मा’ में नहीं

है दाग चाँद में, नहीं’ वो ज्योति ताब में |

मदहोश जिस्म और नशीले…

Continue

Added by Kalipad Prasad Mandal on January 8, 2018 at 10:00am — 8 Comments

ग़ज़ल-सुन्दर खुशबू फूलों से ही मोहक मंजर लगता है-कालीपद 'प्रसाद'

नव वर्ष २०१८ के लिए हार्दिक शुभकामनाओं सहित |

*************************************************

काफिया : अर ;रदीफ़ : लगता है

बहर: २२  २२  २२  २२  २२  २२  २२  २

सुन्दर फूलों की खुशबू मोहक मंजर लगता है |

फागुन आने के पहले ही, होली अवसर लगता है |

मधुमास में’ टेसू चम्पा, और चमेली का है जलवा

श्रृंगार से धरती दुल्हन लगती, गुल जेवर लगता है |

काले बादल बरसे गांवों में, मन का आपा खोकर

जहां भी देखो नीर नीर…

Continue

Added by Kalipad Prasad Mandal on January 2, 2018 at 9:00am — 8 Comments

Monthly Archives

2018

2017

2016

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
55 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service