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Ajay Singh's Blog – January 2011 Archive (3)

सब अपने भी बेगाने हो गये

इस दुनिया में अब रहा न कोई अपना

अब तो सब अपने भी बेगाने हो गये ,                    

लगने लगा अब हमें कुछ ऐसा,

महफिल में भी अनजाने हो गये  |

 

आखों में ख्वाब जो दिखाया करते थे वो

 ही अब हमारे ख्यालों के नज़ारे हो गये ,

जो खाते थे  कसम  दोस्ती निभाने  की

करें क्या जब वो ही दुश्मन हमारे हो गये



विश्वास जताने वालों ही तोडा है विश्वास

तमन्नाओं के तार-तार अब हमारे हो गये

बीच मंझधार में लाके छोड़ दिया है हमको

किश्ती जो बनने चले थे… Continue

Added by Ajay Singh on January 22, 2011 at 8:30pm — 1 Comment

कविता --- ताकत कलम की



Continue

Added by Ajay Singh on January 8, 2011 at 4:29pm — No Comments

कविता ------तेरे साथ हैं हम



Continue

Added by Ajay Singh on January 8, 2011 at 9:46am — No Comments

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