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भोजपुरी साहित्य Discussions (246)

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हमके अइसन मिलली रानी उहो खूब नचावत बारी,

दुख बाटे बाकिर खुसी होला रउआ के बतावत बानी, हमके अइसन मीलली रानी उहो खूब नचावत बारी, माई के हमरो पाव न दबाइहान इ हमसे कहत बारी , जईहान उहो…

Started by Rash Bihari Ravi

2 May 28, 2010
Reply by PREETAM TIWARY(PREET)

गुरु जी के समझ से ,

गुरु जी के समझ से , लाल कृष्ण अडवानी ------- सपनो का राज कुमार , मनमोहन सिंह ------- भाग्य के साढ़, सिबू शोरेन ------- मैं ऐसा ही हु , ममता…

Started by Rash Bihari Ravi

1 May 24, 2010
Reply by PREETAM TIWARY(PREET)

हमके बेसरम कर देला तोहर एगो बात ,

हमके बेसरम कर देला तोहर एगो बात , ओहदिने बोलब जहिया तोहर थमाब हाथ , हमके बेसरम कर देला तोहर एगो बात , तोहर पहिरावा तोहके अच्छा लागेला , बाक…

Started by Rash Bihari Ravi

2 May 15, 2010
Reply by Ratnesh Raman Pathak

जहर भरल बा जवना मन में ,

जहर भरल बा जवना मन में , उ अमृतमय बानी का बोली , जे दोसरा में चोट पहुचावत बा , हम ओकरा मन के का बोली , देश के खातिर लड़त रही , उ कबो लड़ाई…

Started by Rash Bihari Ravi

1 May 13, 2010
Reply by Admin

मुख्य प्रबंधक

भोजपुरिया रिति रिवाज - माई के पूजईया ( चिकेन पाक्स )

भोजपुरिया समाज मे एगो बहुत पुरान आ पारम्परिक रिति रिवाज बा "माई के पुजईया" ,आज हम उहे रिति रिवाज के वर्णन करे के प्रयास करत बानी ... जब हम…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

2 May 7, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा ,

कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा , न सार के जरुरत बा न बिचार के जरुरत बा , कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा , सोच होखे समझ होखे एपर केहू…

Started by Rash Bihari Ravi

2 May 3, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

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२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
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दोहा सप्तक. . . . विविधमुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान…See More
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212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
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