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भोजपुरी साहित्य Discussions (246)

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गम से हमार नाता बाटे पुरान ,

गम से हमार नाता बाटे पुरान , इंसानियत कहाला का ना पवनी जान , हमरा त बाटे बस एतना बतावे के , जान जाई इ किस्सा बा बड़ा दुःख दाइ , आइल अइसन आं…

Started by Rash Bihari Ravi

2 Dec 23, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

उ आँगन होला गंगा अस पावन ,

उ आँगन होला गंगा अस पावन , रहे जहा तुलसी के वास , तोहरे पे लागल बाटे आस , मत तुरिहा विश्वास ऐ माई, मत तुरिहा विश्वास, हमार घर बाटे एगो मंदि…

Started by Rash Bihari Ravi

4 Dec 23, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

मुख्य प्रबंधक

कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी"

कुहकत बाड़ी "माई भोजपुरी", बीच बाज़ार मे, मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिहार मे, ममता तड़प उठsल मतलबी समाज मे, मत बाटs हमरा के यू.पी. अऊर बिह…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

26 Dec 19, 2010
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

दुनिया के कईसे लुटल जाई ,

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Started by Rash Bihari Ravi

3 Dec 15, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

भैया पुलिश वाला हमार बात लिह मानs ,

भैया पुलिश वाला हमार बात लिह मानs , तू छोड़ा गुंडा गर्दी अब एतना लिह जानs , अब नइखे भलाई जे कोई तोहरा हाथ से माराइ , अब तोहे मिल सके ला सजा…

Started by Rash Bihari Ravi

6 Dec 14, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

तहार रूप गोरी मनमोहक ,

तहार रूप गोरी मनमोहक , हमरा मन के बहकाये , हम दूर त ना रहे चाही , इ लगे लेके आवे , तहरो बतिया अच्छा लागे , जवन मन के चहकाये , तहार रूप गोरी…

Started by Rash Bihari Ravi

4 Dec 13, 2010
Reply by Rash Bihari Ravi

माइ के भेट चढावे द ,

हमके सपने में जिए द , हकीकत में कुछ न कर पाई ले , झूठ मूठ के झुझलाई ले , लड़ के मरे के चाहत मन में बा , बाकिर डर के भाग जाई ले , जवान न कर प…

Started by Rash Bihari Ravi

0 Nov 20, 2010

वो बापू के जरुरत बा ,

वो बापू के जरुरत बा , इहे हिंदुस्तान के चाह बा , जे हमनी के सोच के आंदोलित करे , नया राह दिखावे खातिर , वो बापू के जरुरत बा , वो बापू के ना…

Started by Rash Bihari Ravi

1 Nov 19, 2010
Reply by suryajeet kumar singh

उट कवना करवट बाईठी ,

उट कवना करवट बाईठी , हवा के रुख से बुझात नईखे , जनता भी होसियार हो गइल , केकर बेरा पार करी , इ कहलो जात नइखे , बुधु बक्स बकत बा , बाकिर ओकर…

Started by Rash Bihari Ravi

0 Nov 4, 2010

दस्तक (bhojpuri)

हमारा दरवाजा पर दस्तक भइल , हम अंदरे से पूछनी , राउआ के बानी , उत्तर मिलाल , सुख संब्रिधि , झट से दरवाजा खोलानी , अन्दर आई उनकर से बोलानी ,…

Started by Rash Bihari Ravi

1 Nov 4, 2010
Reply by Neelam Upadhyaya

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मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
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Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
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मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
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मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
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मिथिलेश वामनकर updated their profile
Monday

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Sep 30

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