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बतकही ( गपसप ) अंक 6

लछुमन भाई के चाय दुकान पर गहमा गहमी रहुऐ बाकिर लछुमन भाई के चेहरा उतरल रहुऐ, हमरा के देख के उ ब़ोलुअन प्रणाम गुरु जी बाकिर उनकर प्रणाम में उ बात ना रहुऐ जवन पहिले रहत रहे , हम असीरबाद देला के बाद फटाक दे पूछिए देहुवी का बात बा लछुमन भाई आज तोहर मिजाज तनिका गड़बड़ लगत बा , तब उ तनिक तुनक के कहूअन ऐ महराज तनिक सा ना हमार मन पूरा बिगडल बा हमार बस चलित नूsssssss, हम बीच में टोकनी का बात बा सीधे सीधे बतइबs, तब उ कहलन देखि ना गुरु जी अगर कौनो आतंकबादी एको दिन अनसन क देव त हमार दिल्ली के सरकार में बईठल लोग के एडी के पसीना चोटी पर चढ़ जाला बाकि रामदेव बाबा आज नव दिन से उपवास बाडन एकनी के कान पर जू ले नइखे रेंगत, आउर उनकर तबियत बिगरल जात बा, हम कहनी अब का कइल जा सकेला बाकिर आज निउज में सुननी हा की बहुत बड़का बड़का लोग उहा के मानावे आउर उपवास तुरवावे खातिर आइल ह लोग बाकिर सरकार के तरफ से केहू ना आइल ह , तभी उहा सुनील भाई हाथ में मिठाई लेले अइले अब तू अपनो उपवास तुर द भाई, बाबा रामदेव संत लोग के कहला से उपवास तुर देले बाडन, उनकर सत्याग्रह चलत रही , लछुमन भाई मिठाई खा के पानी पिअलन आउर उनकर चेहरा खिल उठल, हम उनकरा के देखते रह गइनी हमरा मुह से अन्यास निकल गइल बाह लछुमन भाई तू देश से कदाचार , भ्रष्टाचार मिटावे खातिर उपवास ले कईलs बाबा रामदेव के बात आम आदमी के पले पड़ गइल बाकिर इ सरकार अब ले सुतल बिया , तभी लछुमन भाई कहलन गुरु जी अब हमरा दिल से बददुआ निकलत बा ये सरकार खातिर आउर भगवन हमार सुनिहन ता इ एक एक भोट खातिर तरसी लोग , हम कहनी अईसन बददुआ मत द भाई ओकरो कवनो मज़बूरी होई |

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//अईसन बददुआ मत द भाई ओकरो कवनो मज़बूरी होई//

ई पंक्ति एह सउँसे एपिसोड के पंच-लाइन लेखा बा. 
एगो बात त जरूर स्पस्ट हो रहल बा, जे, आम जनता आ एह जनता के  सरकार-नुमाइन्दन  के बीच के फासला बहुते बढ़ल जा रहल बा. ई काहें हो रहल बा ई पूछे के बात भा सवाल एकदम नइखे.  सभ कुछ सोझा बा.
 
हमार एगो निहोरा बा रउआ से, कवनो रचना के अपलोड करे के पहिले ओह प नज़र जरुर फिरा लिहल करीं. टंकन-त्रुटि से निजात पावे के सूरत हो जाई. रचना के ताकत बढ़ जाई.

 

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