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हाथे मेंहदी चूड़ी कगनावा,     पांवे पइलीया डारी के

चलली गोरी पिया संगवा, नईहर नगरीया छोरी के,

माई रोवे, बाबू रोवे  रोवे दुलरा             भइवा

रोवे ली कुल सखी सहेली,रोवे   कुल खनदानवा

अजुरी भर उ फेकस चउरा माई के       अचरवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

 

बेटी धरम उ खूबे निभवली माई के अगनवा

चलली निभावे पतोहू धरम संगे ले सजनवा

बनी हे केतना रिसता देखअ जाने अंजनवा

करीहे पूरा  देखअ कईसे सब कर अरमनवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

 

अपनो त बाटे जिनंगी में कुछु त सपनवा

चुलीहे तर ना बीते दिहे आपन अरमनवा

दू गो कुल के जुडगई बाटे उनका संगे नमवा 

मान बढइहे कुल के उत जागे बेटन से अगवा  

मत बूझे केहू खाली नरम कलाई बाटे बहुते जनवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

बहुते जरवलस डाली किरासन हमरा के जमनवा

दुलहीन ना खाली हम त उहे पीसे जेके जमनवा

प्‍यार से रखब त होजाई सब कर कुलही कहनवा

हमहू भूखाईल प्रेम क बानी काहे ना बूझे जमनवा

बढके अगवा  हम त  बनाइब आपन पहचनवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

अखंड भइया खाली गीतेये ना लिखीह दिह एगो बचनवा

ना बूझीइह बधली जे रखीया ओसे कहीला इ कहनवा

भले अब ना हइ हम अबला बाकि डरावेला इ जमनवा

अस्मिता के हमार रक्षा तू करीह बाटे बस इहे कहनवा

ससुरा,नइहरा सब फूले ना समाई  देख के हमार नमवा

मॉंगे सेनुरा,माथे बिदीया पावे बिछिवा   डारी के

चलली गोरी पिया संगवा नईहर नगरीया छोरी के।

मौलिक एंव अप्रकाशित अखंड गहमरी

 

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बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना के लिए ……………..

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