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तहार रूप गोरी मनमोहक ,

हमरा मन के बहकाये ,

हम दूर त ना रहे चाही ,

इ लगे लेके आवे ,

तहरो बतिया अच्छा लागे ,

जवन मन के चहकाये ,

तहार रूप गोरी मनमोहक ,

हमरा मन के बहकाये ,

चले के चाहीले साथे तहरो ,

रहे हाथ में हाथ इ हमरो ,

खूब होई मनभर के बतिया ,

की अंखिया यु ही मुस्काये ,

तहार रूप गोरी मनमोहक ,

हमरा मन के बहकाये ,

ये दुनिया में तहरा बिना ,

कोई नइखे अब हमरा खातिर ,

इंतजार करब जन्म जन्म तक ,

आज कसम इ खायें ,

तहार रूप गोरी मनमोहक ,

हमरा मन के बहकाये ,

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Replies to This Discussion

waah guru je waah....bahut badhiya rachna ba....likhat rahi aisehi

dhanyabad preetam jee

hamesha aisan sundar abhivyakti.  Badhayee.

neelam ji dhanyabad

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