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छोडी के गईल पिया , जहिया से विदेशवा , मनवा लागत नईखे |
हरदम खोजेला तोहार साथ , मनवा लागत नईखे |
चले जब सर सर बयरिया  , लागे अईब पिया घरवा |
सूना आसमान  देखी , हम के लागे  डरवा | 
जब गगन में चाँद आवे  , लागे लगईब गरवा |
टूटेला सपनवा जब खोलीं दरवाजवा, , मनवा लागत नईखे |
हरदम खोजेला तोहार साथ , मनवा लागत नईखे |
बोलेले कोयलिया बैरन , सुनी   दहकेला जियरा |
पीउँ पीउँ रटी रटी , मुवावेला पापी पपीहरा |  
कब अईब हमरो नाथ , अब तरसेला हियरा | 
आशा से निराशा होला जब नईख नियरा  , मनवा लागत नईखे |
हरदम खोजेला तोहार साथ , मनवा लागत नईखे |
तोहरा बिना सूना लागे ,  सजल  घरवा अंगनवा |
आजू ले ना खेले , कवनो  गोदी में ललनवा | 
सखियाँ लरकोरी भईली , हमपर मारेली मेहनवा | 
रहिया देखत अब थाकल नयनवा , मनवा लागत नईखे |
हरदम खोजेला तोहार साथ , मनवा लागत नईखे |
वादा कईल आयब परसों ,  बारह बरस  बीते लागल |
हरनी लिखी लिखी पतिया , जियरा होखे  पागल |
रोई रोई बीते दिन - रतिया ,  मिलन के  असरा लागल |
वर्मा जल्दी आजा पिया , थकित भईली अँखिया , मनवा लागत नईखे |
हरदम खोजेला तोहार साथ , मनवा लागत नईखे |
श्याम नारायण वर्मा 
(मौलिक व अप्रकाशित)

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