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गुरु जी आज कोलकत्ता से घरे आवत रहलन ह,त छपरा स्टेशन पर मुसाफिर खाना मे बईठ एकमा जाये वाली गाडी के ईन्तजार करत रहलन, बगल मे एक आदमी अउर बईठल रहे, अब देखी सभे गुरु जी आ ऊ आदमी मे का बात होत बा,

गुरु जी-भाई साहब रउआ नेपाली बानी,
आदमी-नही जी मै नेपाली नही हू,

थोडी देर बाद फिर गुरु जी--- भाई साहब सही सही बताई रउआ नेपाली ही बानी नू ,
आदमी-नही जी मै नेपाली नही हू,

कुछ देर के बाद फिर गुरु जी--भाई साहब देखी रउआ सही सही बताई, रउआ नेपाली ही बानी नू ,
आदमी-देखिए भाई साहब मै बार बार कह रहा हू , मै नेपाली नही हू,

थोडी देर के बाद फिर गुरु जी से ना रह गईल,आ एक बार अउर पुछ दिहलन--ऐ भाई साहब देखी मजाक मत करी सही सही बताई, रउआ नेपाली ही बानी नू ,

अब उ आदमी खिसिया के दात पिस के बोललस कि हाँ मै नेपाली हू ,
तब गुरु जी कहलन-- पर रउआ नेपाली लागत नईखी I

पूर्व मे पोस्ट की हुई कुछ और हसगुल्ले...........

हल्की फुल्की हँसी की बात (भाग 1)
हल्की फुल्की हँसी की बात (भाग 2)
हल्की फुल्की हँसी की बात (भाग 3)
हल्की फुल्की हँसी की बात (भाग 4)
हल्की फुल्की हँसी की बात (भाग 5)

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Replies to This Discussion

hahahahahaha....sahi baa jee
हा हा हा .. गुरुजी के दमगर बात.
ha ha ha ha bahut badhiya

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