For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विद्यालय 
-----------

विद्यालय को तू मंदिर मान 

बसता  ईश्वर अल्लाह जान 
संस्कार पुष्पित पल्लवित होते 
मिलता जीवन का सारा  ज्ञान
विद्यालय को तू मंदिर मान
साथ बैठ मिल सब जन पढ़ते 
सुनहरे भविष्य की मूरत गढ़ते
खेल खेल में लड़ते झगड़ते 
जाति भेद से हैं अनजान 
विद्यालय को तू मंदिर मान 
पढ़ें पाठ जाने अनुशासन 
करें देश पर बढ़िया शासन 
धर्म जाति का भेद न करते 
न्याय करते  एक समान
विद्यालय को तू मंदिर मान
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा 
२४-१२-२०१२ 

Views: 691

Replies to This Discussion

मैं हि तुझे कई बार पढ़ा हूँ. 

आदरणीय प्रदीप जी 

यह रचना बहुत उत्कृष्ट भाव सांझा करती है ...जिसके लिए आपको हृदय से बधाई 

परन्तु बच्चों के लिए इसमें सिर्फ निर्देश हैं...इसे बालमन के स्तर पर उतर कर बच्चों की समझ के अनुरूप, उनके शब्द-ज्ञान के अनुरूप लिखना होगा..तभी यह एक सफल बाल रचना कहलायेगी 

सादर.

आप एक बच्चा बन के इन्हीं भावों को महसूस कीजिये फिर लिख कर देखिये...

उदाहरणतः...

विद्यालय मंदिर के जैसा, रोज वहाँ मैं जाता हूँ 

सुबह पहुँच सबसे पहले टीचर को शीष नवाता हूँ ...

कथ्य यही रखना है... बस प्रस्तुति में थोड़ी सी फेर बदल करने का प्रयास कीजिये और मात्रा पर भी साधिए 

सादर. 

आदरणीय, प्रदीप कुमार सिंह जी,  ’विद्यालय को तू मंदिर मान, बसता  ईश्वर अल्लाह जान ’ सार्थक सुन्दर रचना।  बधाई स्वीकारें।  सादर,

स्नेही केवल प्रसाद जी 

प्रोत्साहन हेतु आभार 

सादर 

आदरणीया प्राची जी 

सादर 

आपके मार्गदर्शन में ..स्कूल .. पोस्ट की है. ३० मात्रा  में बांधने का पहला प्रयास है. 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
20 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जहां हम मिले थे, जहां से चले थेचलो वापसी उस डगर धीरे धीरे एक प्रभावशाली गजल हुई है आ. पूनम जी।…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करेगी सुधा मित्र असर धीरे-धीरे -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई तिलकराज जी सादर अभिवादन। यह तरही से अलग है। इस पर आपसे मार्गदर्शन की अपेक्षा है। नेट की…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करेगी सुधा मित्र असर धीरे-धीरे -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। मक्ता सुधारने का…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"तू पहले नदी  में  उतर धीरे-धीरेकटेगा तेरा फिर सफ़र धीरे-धीरे।१।*बहा ले न जाए सँभल तेज़…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"122 122 122 122  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे करेगी मुहब्बत असर धीरे धीरे 1 भरोसा नहीं…"
5 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरे जलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे मचाया हवाओं ने कुहराम ऐसा गिरा टूट कर हर…"
14 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"रदीफ़ क़ाफ़िया में तो ऐसा कोई बंधन नहीं है इसलिये आपका प्रश्न स्पष्ट नहीं है। "
15 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"नमस्कारक्या तरही मिसरे में लिंग अनुसार बदलाव करसकते हैंक्यूंकि उसे मैं अपने अनुसार प्रयोग…"
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"स्वागत है।"
16 hours ago
Tilak Raj Kapoor commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post करेगी सुधा मित्र असर धीरे-धीरे -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"यह तरही के लिए है या पृथक से?"
16 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"स्वागतम"
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service