For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नन्हा राम था आया ( विजय दशमी पर्व पर बच्चों के लिए )

नन्हा राजू पूछता दादाजी से आज ,

इतनी सारी भीड़ का क्या है दादू राज ?

आज दशहरा मेला दादू ने बतलाया ,

मेले में राजू को रावण बड़ा दिखाया l

रावण एक असुर था, सबको बड़ा सताता ,

छल-माया के बल पर हरदम था इतराता l

सूपर्णखा थी उसकी बहना नैनदुलारी ,

लक्ष्मणजी की पक्की मर्यादा से हारी l

आयी रावण को वो कटी नाक दिखलाने ,

रो-रो कर लंका के राजा को भड़काने  l

रावण होकर क्रोधित सीता को हर लाया ,

पुष्पक में बैठा कर, उनको लंका लाया l

राम लखन जब लौटे सीता को ना पाया ,

कहाँ गयी खो सीता उनका मन घबराया l

सीता-सीता करते जंगल-जंगल भटके ,

वहीं जटायु दीखा प्राण थे जिसके अँटके l

उसने राम-लखन को रावण-छल बतलाया ,

रावण जिधर गया था उनको दिशा बताया l

दोनों वीर चले फिर सीता को ले आने ,

रावण के पापों पर उसको सबक सिखाने l

सहयोगी हनुमान थे, कार्य हुआ आसान,

बने दूत, लंका पहुँच, रक्खा सीता मान l

रावण की सेना भी उनको पकड़ न पायी ,

महाबली ने सोने की लंका झुलसायी l

पर दम्भी रावण को काल नज़र ना आया ,

’युद्ध करेगा’ उसने यह ऐलान कराया l

सेना सागर-सेतु से पहुँची लंका द्वार ,

लंका पहुँचे वीर सभी हुई जय-ललकार ।

मेघनाद सा पुत्र भी बना काल का ग्रास ,

फिर भी रावण को नहीं हुआ काल-आभास l

कुम्भकर्ण भाई को रावण ने जगवाया ,

राम-लखन के सम्मुख रणक्षेत्र भिजवाया l

योद्धा सब रावण के पल भर टिक ना पाए ,

कुम्भकर्ण भी हारा अपने प्राण गँवाए l

अहंकार का रूप था रावण फिर हुँकारा ,

युद्धभूमि में आकर ’लड़ो राम’ ललकारा l

मर्यादा पुरुषोत्तम का फिर धनुष उठाना ,

लंका के राजा का मार गिराया जाना l

सदाचार की जय हो, कहता पर्व दशहरा ,

अच्छाई जीतेगी उत्सव कहे सुनहरा l

राजू हो खुश बोला, ’मैं भी राम बनूँगा’ ,

सत्यराह अपनाऊँ, मैं भी अडिग चलूँगा l

दादाजी मुस्काये धनुष-बाण दिलवाया ,

अयोध्या में उनकी नन्हा राम था आया l

Views: 652

Replies to This Discussion

वाह डॉ साहिबा, कम शब्दों में रामायण को पूरी सहजता से आपने प्रस्तुत किया है, बच्चों हेतु एक संग्रहनीय रचना, बधाई डॉ साहिबा ।

सुंदर सरल शब्दों में रामायण का पाठ पढाया, 

याद करेंगे बच्चे इसमें रामायण सार बताया ।
 
बधाई डॉ प्राची सिंह जी   

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदाब, आदरणीय,  ' नूर ' मैंने आपके निर्देश का संज्ञान ले लिया है! "
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बहुत बहुत आभार आ. सौरभ सर ..आप से हमेशा दाद उन्हीं शेरोन को मिलती है जिन पर मुझे दाद की अपेक्षा…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद और कामयाब अश'आर पर…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service