लखनऊ स्थित संस्था भाऊराव देवरस सेवा न्यास ने ओपन बुक्स ऑनलाइन के शुभ चिन्तक, सदस्य, हमार टी. वी. के Creative Head तथा भोजपुरी के लोकप्रिय कवि मनोज भावुक को भोजपुरी भाषा में उल्लेखनीय योगदान के लिए पंडित प्रताप नारायण मिश्र स्मृति-युवा साहित्यकार सम्मान से नवाजा है। पहली बार किसी भोजपुरी साहित्यकार को यह सम्मान मिला है।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक ‘माधव सभागार' में आयोजित युवा साहित्यकार सम्मान समारोह के दौरान मनोज भावुक को ये सम्मान दिया गया। सेवानिवृत आई.ए.एस. विनोद शंकर चौबे, लखनऊ के पासपोर्ट अधिकारी जे.पी.सिंह और लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा ने उन्हें सम्मान प्रदान किया।
इस समारोह में श्री मनोज भावुक को सम्मान स्वरूप पांच हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, माँ सरस्वती की प्रतिमा, अंगवस्त्र एवं न्यास द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का सेट भेंट किया गया।
भाऊराव देवरस सेवा न्यास गत पंद्रह वर्षों से अखिल भारतीय स्तर पर भारतीय साहित्य के विविध विधाओं के सृजनात्मक एवं विचारात्मक रचना करने वाले सात युवा साहित्यकारों को पुरस्कृत व सम्मानित करता आ रहा है।
न्यास द्वारा आयोजित इस सोलहवें युवा-साहित्यकार सम्मान समारोह में वर्ष 2010 के लिए मनोज भावुक के अलावा जिन युवा साहित्यकारों को सम्मानित किया गया, वे हैं- काव्य के लिए अरविंद कुमार सोनकर, कथा साहित्य के लिए दिनेश कर्नाटक, बाल साहित्य के लिए सुश्री गीतिका सिंह, पत्रकारिता के लिए डॉ. मुकुल श्रीवास्तव और संस्कृत के लिए डॉ. धीरेन्द्र झा।
मनोज भावुक की रचनाओं के बारे में टिप्पणी करते हुए भाऊराव देवरस सेवा न्यास के कार्यक्रम संयोजक डॉ. विजय कुमार कर्ण ने कहा ‘2 जनवरी 1976 को सीवान (बिहार) में जन्मे और रेणुकूट (उत्तर प्रदेश) में पले-बढ़े मनोज भावुक भोजपुरी न्यूज चैनल ‘हमार टीवी' के क्रिएटिव हेड हैं और भोजपुरी के सुप्रसिद्ध युवा साहित्यकार हैं। पिछले 15 सालों से देश और देश के बाहर (अफ्रीका और यूके में) भोजपुरी भाषा, साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भावुक भोजपुरी सिनेमा, नाटक आदि के इतिहास पर किये गये अपने समग्र शोध के लिए भी पहचाने जाते हैं। अभिनय, एंकरिंग एवं पटकथा लेखन आदि विधाओं में गहरी रुचि रखने वाले मनोज दुनिया भर के भोजपुरी भाषा को समर्पित संस्थाओं के संस्थापक, सलाहकार और सदस्य हैं। ‘‘तस्वीर जिंदगी के''(गजल-संग्रह) एवं ‘‘चलनी में पानी''(गीत-संग्रह) मनोज की चर्चित पुस्तके हैं। ‘‘तस्वीर जिन्दगी के'' के लिए मनोज को वर्ष 2006 के भारतीय भाषा परिषद सम्मान से नवाजा जा चुका है। अभी हाल ही में मनोज भावुक को विश्व भोजपुरी सम्मेलन दिल्ली का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भाऊराव देवरस सेवा न्यास मनोज भावुक को सम्मानित करते हुए गौरवान्वित है।'
सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुये विनोद शंकर चौबे ने मनोज भावुक की रचनाओं की जम कर तारीफ की और कहा कि मनोज ने रघुबीर नारायण के बटोहिया गीत की याद ताजा कर दी।
इस मौके पर युवा कवि मनोज भावुक ने भोजपुरी में गजल पाठकर पूरा माहौल भोजपुरीमय कर दिया और कहा, ‘यह सम्मान किसी एक व्यक्ति का नही है बल्कि भोजपुरी भाषा एवं साहित्य और देश-विदेश में फैले करोड़ों भोजपुरी भाषियों एवं भोजपुरी प्रेमियों का सम्मान है।'