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Bhasker Agrawal's Discussions (147)

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सदस्य टीम प्रबंधन

"वो नाज़ुक सि अल्हड कुंवारी मुहब्बत सच में!! क्या बात है !! सुंदर ग़ज़ल"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
Reply by Veerendra Jain

सदस्य टीम प्रबंधन

"समझ के भी समझ ना पाया "दीवाना" कैसी खुदा की है ये दस्तकारी मुहब्बत वाह वाह वाह .. बड…"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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"दिखाएँ चलो एक ऐसा नजारा कि तू रूठ जाए तुझे मैं मनाऊँ आप के दिल में कितनी मोहब्बत भरी…"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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"दिखने में कमजोर वो शख्स, ज़माने से लड़ गया वाह रे तेरी ये कलाकारी मोहब्बत ... वाह अनि…"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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"सही हालात में सही बात ... बहुत सुंदर अरुण जी.. आप का तो अंदाज़ ही निराला है.. लिखने…"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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"मेरी बात तुझको जो लगती है कड़वी उसी में  तू  पायेगा  मेरी  मुहब्बत बहुत अच्छी बात कहत…"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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"हैं सब तुझ पे शैदा, है क्या ख़ास तुझ में  ज़रा मुझ को ये तो बता री मुहब्बत ! वाह मोईन…"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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"इन्ही से सलामत हमारी मुहब्बत चलो दें इन्हें ढेर सारी मुहब्बत क्या खूब कहा आपने शेष ज…"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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"आज कर रही नयी तैयारी मुहब्बतहोगी फिर से कुंवारी मुहब्बत |1|कैद न कर सकेगा अब इसे कोई…"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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"बहुत ही सुंदर लिखा आपने... कई सत्य उजागर कर दिए.. लिखने के लिए धन्यवाद"

Bhasker Agrawal replied Dec 15, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-6(closed now)

556 Dec 17, 2010
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
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"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
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