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rajesh kumari's Discussions (9,804)

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"अक्स उनका यूँ निगाहों में बसा रूह खुद से अजनबी होने लगी /4/   जब उठी आवाज़ हक की माँग…"

rajesh kumari replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"हरजीत सिंह जी बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है  इक ग़ज़ल का रूप उसने धर लिया,फिर तो जम के शायरी…"

rajesh kumari replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"मैं आपकी बात से पूर्णतः सहमत हूँ आदरणीय तिलकराज जी तहे दिल से शुक्रिया "

rajesh kumari replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"हुई को  २ में बाँध सकते हैं ई की मात्रा गिराकर लघु कर सकते हैं "

rajesh kumari replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

":))))))सच में "

rajesh kumari replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय सौरभ जी ग़ज़ल पर अपने विचार रखने  के लिए हार्दिक शुक्रिया ,इस शेर को वापस लेने…"

rajesh kumari replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"इमरान खान जी मैंने आपकी और अन्य विद्वद जानो की बात पर गौर फरमाया और सोचा तो यही निर्…"

rajesh kumari replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"आ० राणा प्रताप जी इतना सूक्ष्म ,न्याय संगत,उत्कृष्ट विश्लेषण करने के लिए तहे दिल से…"

rajesh kumari replied Feb 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"पता नहीं हमारे यहाँ तो ये  शब्द दिल फ़रेबी बड़ा आम है जिस तरह सर फरोशी शब्द भी बहुत आम…"

rajesh kumari replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय नादिर खान जी आपकी दाद सर आँखों पर ,तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ "

rajesh kumari replied Feb 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-44

992 Feb 27, 2014
Reply by Saurabh Pandey

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"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
23 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
23 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
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Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
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"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
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Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
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