For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

shashi bansal goyal's Discussions (547)

Discussions Replied To (543) Replies Latest Activity

प्रधान संपादक

"बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति आद0 शेख शहज़ाद जी ।"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"आद0 सौरभ पाण्डेय जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति है । लगा ही नहीं पढ़ रही हूँ पूरा वातावरण आँ…"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आद0 मोहन बेगोवाल जी ।"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आद0 नीरज जी ।"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आद0 रवि प्रभाकर जी । मैं पूरी गंभीरता के साथ आद0 योगराज जी…"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आद0 लक्ष्मण रामानुज जी ।"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आद0 सौरभ जी ।"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आद0 मिथिलेश वामनकर जी ।"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"हार्दिक आभार एवं धन्यवाद आद0 रश्मि जी ।"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

प्रधान संपादक

"बहुत बढ़िया आद0 विनय जी । भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी घुस गईं हैं कि जहाँ खोदो वहाँ…"

shashi bansal goyal replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Vikas replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"विकास जोशी 'वाहिद' तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ…"
12 minutes ago
Tasdiq Ahmed Khan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल जो दे गया है मुझको दग़ा याद आ गयाशब होते ही वो जान ए अदा याद आ गया कैसे क़रार आए दिल ए…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221 2121 1221 212 बर्बाद ज़िंदगी का मज़ा हमसे पूछिए दुश्मन से दोस्ती का मज़ा हमसे पूछिए १ पाते…"
2 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेंद्र जी, ग़ज़ल की बधाई स्वीकार कीजिए"
3 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया जो कुछ भी मेरे साथ हुआ याद ही…"
12 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"सूरज के बिम्ब को लेकर क्या ही सुलझी हुई गजल प्रस्तुत हुई है, आदरणीय मिथिलेश भाईजी. वाह वाह वाह…"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
Thursday
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service