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Er. Ambarish Srivastava's Discussions (6,307)

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"//इस मौसम में कभी फूल उगे थे दिल पर, तीरे बारिश चलें आज मेरे तिल तिल पर, इस मौसम मे…"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"//आज तक किसी ने किसी कोइस तरह ना कहा होगाए बून्दो तुम गवाह रहनामेरी इस बात कीलो आज म…"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"//चीज़ हर खाने वाली , करती बीमार भाई | सावन के झूले, माल पूए बन गये खार भाई | गलि…"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"स्वागत है शारदा जी !"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"//सुबह-शाम-दोपहर हो या हो फिर रात घनेरी हूक उठे मन में तब लगती अंसुअन की ढेरी l रवाज…"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"स्वागत है लता जी! रचना की सराहना हेतु आपका हृदय से धन्यवाद !"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"इस आयोजन हेतु आदरणीय भाई आलोक सीतापुरी जी की ओर से यह अरविन्द प्रेषित किया गया है…"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"आदरणीय भाई आलोक "सीतापुरी" जी की ओर से यह मत्तगयन्द  सवैया आया है पावस में घन श्या…"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"//स्वाभाविक है यह करना इस जूनून में! हर मेंढक यही तो करता है मानसून में.// हा हा हा…"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"//मेघा छाये हैं   गरज-गरज के   घट भर के |//  बेहतरीन उपमा दी है आपने "घट भर के" //…"

Er. Ambarish Srivastava replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्र को साकार करते सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
"सार छंद +++++++++ धोखेबाज पड़ोसी अपना, राम राम तो कहता।           …"
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२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
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