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PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA's Discussions (965)

Discussions Replied To (536) Replies Latest Activity

"आदरणीय अनुज श्री योगराज प्रभाकर . जी . कल पाचवी डोज कीमो की लगनी है , पत्नी को .  सम…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jul 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

"दोहा -------तराजू में तौल रहे , जनता के जज्बात।जनता तू मीरा बनी , क्यों न बनी सुकरात…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jul 10, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-57

696 Jul 11, 2015
Reply by Satyanarayan Singh

सदस्य कार्यकारिणी

"आदरणीय श्री  arun kumar nigam जी सार्थक चर्चा , लोंक तंत्र जीवित है . सादर बधाई , सा…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jul 9, 2015 to क्या यह मेरा भ्रम है ?

17 Jul 21, 2015
Reply by Saurabh Pandey

प्रधान संपादक

"असी भी लिखदे हैं जी, होर लिक्खी  भी हैं,  जीना दी छापियाँ ओना नु होर सारे लोगां नु स…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Aug 6, 2014 to ओबीओ के रचनाकारों की लघुकथाओं का पंजाबी में अनुवाद

13 Aug 6, 2014
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

"आदरणीय कुंती दी जी  सादर  निश्चय ही बिरले लोग होते हैं जो किसी संस्था या घटना के मूल…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied May 9, 2014 to ओ.बी.ओ. लखनऊ चैप्टर की मासिक काव्य-गोष्ठी - अप्रैल 2014, एक प्रतिवेदन

11 May 30, 2014
Reply by vandana

"माह का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर स्नेही वंदना जी को हार्दिक बधाई . विश्वाश है सहित्य…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied May 7, 2014 to एक घोषणा:-महीने का सक्रिय सदस्य (Active Member of the Month)

1065 Dec 3, 2016
Reply by सुरेश कुमार 'कल्याण'

"आदरणीय श्री बाग़ी जी  सादर /सस्नेह  आशीष आपको सदा  मंगल हो सब काज  माँ भगवती रक्षा कर…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied May 4, 2014 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"आदरणीया अन्नपूर्णा जी  सादर  महान विभूतियों से मिलने से वंचित रहा .खेद है. पर काल चक…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied May 1, 2014 to लखनऊ चैप्टर की मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन कानपुर मे - एक रिपोर्ट

8 May 2, 2014
Reply by Shanno Aggarwal

"सितारे नित टूट रहे जाने है क्या राज दिखाए राह कौन अब बने कैसे समाज"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Apr 20, 2014 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"अविश्वसनीय . गहरा आघात . साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति. विनम्र श्रद्धांजलि."

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Apr 18, 2014 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

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२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
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"परम् आदरणीय सौरभ पांडे जी सदर प्रणाम! आपका मार्गदर्शन मेरे लिए संजीवनी समान है। हार्दिक आभार।"
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दोहा सप्तक. . . . विविधमुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान…See More
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छन्न पकैया (सार छंद)-----------------------------छन्न पकैया - छन्न पकैया, तीन रंग का झंडा।लहराता अब…See More
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ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
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गहरी दरारें (लघु कविता)********************जैसे किसी तालाब कासारा जल सूखकरतलहटी में फट गई हों गहरी…See More
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212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
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