For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sheikh Shahzad Usmani's Discussions (5,109)

Discussions Replied To (4443) Replies Latest Activity

"जानकारी देने के लिए व मेरी ग़लतफहमी दूर करने के लिए सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सुधी…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"बहुत ही व्यंग्यात्मक/कटाक्षपूर्ण रचना वर्तमान परिदृश्य व परिस्थितियों पर। सादर हार्द…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"विषयांतर्गत बढ़िया प्रयास और सहभागिता की लगन के लिए सादर हार्दिक बधाई आदरणीय indravi…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"एक और बढ़िया विषय लेते हुए बढ़िया प्रेरक रचना के लिए सादर हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"किसी से प्रेरणा मिलना उजाला ही है। बढ़िया विषय पर बढ़िया प्रस्तुति के लिए सादर हार्द…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"वाह..//निरंतर उजाला चाहने वालों कोे निरंतर तेल भी देना होता है//... बहुत बढ़िया पंचप…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"चिर-परिचित कथानक को एक नये रूप में लेकर बढ़िया रचना कही है बढ़िया संदेश सम्प्रेषित क…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"सीमा पर लम्बे समय से ढीठता के अंधकार के चलते इस बेहतरीन भावपूर्ण रचना का अंतिम संवाद…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 30, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"बहुत ही चतुराई से कम शब्दों में बड़ी बात कहते हुए बढ़िया रचना के लिए सादर हार्दिक बध…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 29, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

"कुछ भिन्न तरीके से कहने की कोशिश मेरी इस रचना पर वक़्त देकर हौसला अफज़ाई के लिए तहे…"

Sheikh Shahzad Usmani replied Sep 29, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-30 (विषय: "उजाला")

738 Sep 30, 2017
Reply by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
""आदरणीय मिथिलेश भाईजी,  हार्दिक बधाई इन पाँच मुकरियों के लिए | मेरी जानकारी के अनुसार…"
46 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी, हार्दिक बधाई मुकरियों का चौका जड़ने के लिए।  द्वितीय में ............ तीन…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील भाईजी, इन पाँच  सुंदर  मुकरियाँ के लिए हार्दिक बधाई। अंतिम की अंतिम पंक्ति…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह-मुकरी * प्रश्न नया नित जुड़ता जाए। एक नहीं वह हल कर पाए। थक-हार गया वह खेल जुआ। क्या सखि साजन?…"
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कभी इधर है कभी उधर है भाती कभी न एक डगर है इसने कब किसकी है मानी क्या सखि साजन? नहीं जवानी __ खींच-…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय तमाम जी, आपने भी सर्वथा उचित बातें कीं। मैं अवश्य ही साहित्य को और अच्छे ढंग से पढ़ने का…"
22 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय सौरभ जी सह सम्मान मैं यह कहना चाहूँगा की आपको साहित्य को और अच्छे से पढ़ने और समझने की…"
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह मुकरियाँ .... जीवन तो है अजब पहेली सपनों से ये हरदम खेली इसको कोई समझ न पाया ऐ सखि साजन? ना सखि…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मुकरियाँ +++++++++ (१ ) जीवन में उलझन ही उलझन। दिखता नहीं कहीं अपनापन॥ गया तभी से है सूनापन। क्या…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"  कह मुकरियां :       (1) क्या बढ़िया सुकून मिलता था शायद  वो  मिजाज…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"रात दिवस केवल भरमाए। सपनों में भी खूब सताए। उसके कारण पीड़ित मन। क्या सखि साजन! नहीं उलझन। सोच समझ…"
yesterday
Aazi Tamaam posted blog posts
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service