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SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR's Discussions (99)

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प्रधान संपादक

"आदरणीय योगराज जी ये बहुत ही सराहनीय कदम है... एक परंपरा. प्रथा बनेगी की साहित्यिक वर…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 11, 2012 to ओबीओ देगा "महीने के सक्रिय सदस्य" को नकद पुरस्कार

7 Sep 2, 2012
Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

"प्रेम फसल हो प्रेम की खेतीप्रेम चिरैया प्रेम ही सेतीबीज प्रेम के बो गया, तुमसे अँखिय…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"सत्यम जी सुन्दर छंद बद्ध रचना ..मन हर .. नयनन में मोर मुकुट घनश्याम छाय गयो   राधे स…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"जय हो ..प्रभु ..इसी लिए तो हम सब की टीम आप को ट्रेन से उतार लाने वाली थी ...ह हा.. स…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"नयन मिले तो मन मिले, नयन हैं मन के दूत मन यदि मोती बन गये, नयन बनेंगे सूत नयन तेरे र…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"ओ.बी.ओ. का मंच काव्य सरिता है लाड़ के दुनिया है तकती जिसे नयन फाड़फाड़ के प्रिय उमाशंकर…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"प्रिय अरुण जी .. सुन्दर हार बनाया प्रभुवर लेकिन तुम हो दूर मतवारे सारे नैना हैं नूर…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"पढ़ने के बहाने छत पे जाके मस्ती मारनाहाय रे ! हसीनों का वो केशों को  संवारना  किसी को…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 9, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"ये नयन आमन्त्रण देते हैं, ये तिरस्कार भी करते हैंघृणित कर्म से घृणा, नेककर्मों से प्…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

"जीत के तुम जब संसद पहुंचे,नयनों की चमक निराली थी,मेरे नयनों में आंसू थे,मेरी झोली खा…"

SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR replied Jul 8, 2012 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक २१ (Now Closed)

1054 Jul 9, 2012
Reply by Albela Khatri

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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
9 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
38 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
40 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
1 hour ago
Sushil Sarna posted blog posts
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)

122 - 122 - 122 - 122 जो उठते धुएँ को ही पहचान लेतेतो क्यूँ हम सरों पे ये ख़लजान लेते*न तिनके जलाते…See More
3 hours ago

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