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Er. Ambarish Srivastava's Discussions (6,307)

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"बहारों की जरूरत क्या , जो खुद लाता बहारें हैं जहाँ जाता वहां आती है खुशबू भीने भीने…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
Reply by Saurabh Pandey

"स्वागत है भाई कुल्लवी जी ! आपका यह प्रयास अच्छा लगा ! बहुत बहुत बधाई ! कृपया ऐसे ही…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
Reply by Saurabh Pandey

"अमीरों में है जो फैशन गरीबों की वो मजबूरी पहनते दोनों ही चिथड़े बड़े थोड़े से झीने स…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
Reply by Saurabh Pandey

"हज़ारों ज़ुल्म सहकर भी हमारी क़ौम ज़िन्दा हैं, न घबराये कभी हिंदी किसी ज़ालिम कमीने से। ब…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
Reply by Saurabh Pandey

"तेरा भी दिल तड़पता है ज़ियारत के लिये बन्दे, करोड़ों आँख वाला दे सदा सबको मदीने से वाह…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
Reply by Saurabh Pandey

"खूबसूरत व बबह्र ग़ज़ल कहने के लिए बहुत बहुत बधाई अतेन्द्र जी ! कृपया भाई वीनस जी की…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
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"महकते शेर हैं सारे ग़ज़ल की शान क्या कहने. सलामी आपको अपनी लगाकर हाथ सीने से. सुराह…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
Reply by Saurabh Pandey

"कमाके मैंने माँ के हाथ मेहनत सौप दी अपनी   अजब खुशबु सी अब आने लगी मेरे पसीने से भाई…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
Reply by Saurabh Pandey

"हमें तो लूटनेवाले सभी अपने अकारिब थे, पराये थे ,हमारा भर गए दामन नगीने से भाई अरविन…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
Reply by Saurabh Pandey

"ग़ज़ल ये खूबसूरत है बधाई आपको अपनी. यहाँ 'आलोक' है छाया दुआ आयी मदीने से.    खुदा…"

Er. Ambarish Srivastava replied Dec 30, 2011 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - १८ (Now Closed With 424 Replies)

424 Dec 31, 2011
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