For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पिछले दो घंटे से उसका परिवार इस टाइगर रिज़र्व में घूम रहा था. मौसम भी बेहद शानदार था इसलिए सब खुश थे. अभी तक काफी जानवर दिखाई पड़ गए थे लेकिन शेर से सामना नहीं हुआ था. गाइड लगातार बता रहा था कि वह ऐसी जगह ले चलेगा जहाँ कई शेर देखने को मिलेंगे, पहले बाकी जानवर देख लिए जाएँ. उसने भी सहमति दे दी और उनकी जीप धीरे धीरे जंगल में घूम रही थी.
"अरे यहाँ सिग्नल कमजोर है, आवाज कट रही है. मैंने एक मैसेज किया है, उसे पढ़कर लेक के किनारे वाले फ्लैट की रजिस्ट्री की तैयारी कर लो. मैं परसों तक आ जाऊंगा, मैसेज का जवाब जरूर भेज देना", उसने लगभग चिल्लाते हुए फोन पर बोला. गाइड लगातार उसे शांत रहने का इशारा कर रहा था "सर, यहाँ शोर मत मचाइए, जानवर डिस्टर्ब हो जाते हैं".
एक बार उसके दिल में आया कि वह गाइड को डपट दे, जानवर डिस्टर्ब हो जाते हैं. उसको क्या पता कि उसके इस फ्लैट की रजिस्ट्री कितने दिन से अटकी पड़ी थी, घूमने का मजा किरकिरा हो जाता अगर यह गड़बड़ा जाता. लेकिन उसने पत्नी को अपनी तरफ घूरते पाया तो खामोश रह गया.
"आज रजिस्ट्री का फाइनल हो जाएगा, कितने दिन से फंसा था मामला. आखिरकार सभी बच्चों के नाम एक एक फ्लैट हो गए", उसने खुशी से उछालते हुए पत्नी से कहा. पत्नी ने भी मुस्कुराकर उसका हाथ दबा दिया.
"वो देखिये, दो शेर एक साथ, मैंने कहा था ना", गाइड ने एक तरफ इशारा करते हुए धीरे से कहा.
सब लोग उस तरफ देखने लगे, एक भैंसे के शरीर का कुछ हिस्सा बगल में पड़ा था और शेर आराम से लेटे हुए थे. बेटे ने थोड़ी देर बाद आश्चर्य से पूछा "गाइड अंकल, ये शेर आराम से लेटे हुए हैं, कुछ दूर खड़े हिरन को मार क्यों नहीं रहे?
गाइड ने उसकी तरफ देखते हुए जवाब दिया "बेटे, ये जानवर बस उतना ही खाते हैं जितने से उनकी भूख मिट जाए, उनको ज्यादा की हवस नहीं होती".

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 513

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on August 13, 2019 at 5:21pm

इस हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ डॉ विजय शंकर साहब

Comment by Dr. Vijai Shanker on August 9, 2019 at 9:15pm

आदरणीय विनय कुमार जी , प्राकृतिक एवं नैसर्गिक प्रवृति की सुन्दर प्रस्तुति , बधाई , इस प्रस्तुति पर , सादर

Comment by विनय कुमार on August 8, 2019 at 6:15pm

इस टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ सी एम उपाध्याय जी

Comment by विनय कुमार on August 8, 2019 at 6:14pm

इस उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ समर कबीर साहब

Comment by विनय कुमार on August 8, 2019 at 6:14pm

इस उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह जी. मुझे भी आखिरी पंक्ति अनावश्यक लग रही थी, इसे एडिट कर देता हूँ

Comment by Samar kabeer on August 8, 2019 at 3:41pm

जनाब विनय कुमार जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 6, 2019 at 7:00pm

सार्थक कथा 

Comment by TEJ VEER SINGH on August 6, 2019 at 2:38pm

हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी।लाज़वाब लघुकथा।मनुष्य की हवस पर करारा व्यंग एवम कटाक्ष।मेरी व्यक्तिगत सोच के हिसाब से अंतिम पंक्ति नहीं भी लिखते तो भी लघुकथा का संदेश पूरा हो गया था।सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
16 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service