For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-107

परम आत्मीय स्वजन,

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 107वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का मिसरा -ए-तरह जनाब

कैफ भोपाली  साहब की ग़ज़ल से लिया गया है|

"चाँद बता तू कौन हमारा लगता है "

22    22    22    22        22    2

फ़ेलुन    फ़ेलुन     फ़ेलुन     फ़ेलुन     फ़ेलुन  फ़ा

(बह्र: मुतक़ारिब असरम मक़्बूज़ महज़ूफ़ 12-रुक्नी   )

रदीफ़ :- लगता है    
काफिया :- आ  (हमारा, दरिया, बेगाना, काला, चेहरा आदि)

मुशायरे की अवधि केवल दो दिन है | मुशायरे की शुरुआत दिनाकं 24 मई दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 25 मई दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.

 

नियम एवं शर्तें:-

  • "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |
  • एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |
  • तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |
  • शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |
  • ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |
  • वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें
  • नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |
  • ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।

विशेष अनुरोध:-

सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | 

मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 24 मई दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन
बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.comपर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.


मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह 
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 9550

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

इसमें तक़ाबुल-ए-रदीफ़ दोष है,इस मिसरे के अंत में 'है' की जगह "तू" करने से दोष निकल जायेगा ।

जी 

तूं और हमारा तो दोष युक्त नहीं हो जाएगा 

जी,दोष नहीं होगा,आपकी शंका दूर करने के लिए यूँ भी किया जा सकता है:-

"आँसू लेकर ख़्वाब सुनहरे दे हमको"

अगर सीखने की इच्छा है तो मंच की सभी ग़ज़लों पर अपनी प्रतिक्रया दें,और उन पर आई हुई टिप्पणियाँ पढ़ें,बहुत कुछ सीखने को मिलेगा ।

मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब,ओबीओ तरही मुशायरे में आपका हार्दिक स्वागत है ।

तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

'नादां दिल मुस्काने से डरता लगता है'

ये मिसरा बह्र में नहीं है,इसे यूँ कर लें:-

'दिल ये मुस्काने से डरता लगता है'

'मायूसी जा छिप बैठी दिल के भीतर

रिश्ता भी जाना पहचाना लगता है'

ये शैर बह्र में है,लेकिन इसे यूँ कर लें तो शिल्प बहतर होगा और गेयता बढ़ जाएगी:-

'मायूसी क्यों छिप कर बैठी है दिल में

रिश्ता जब जाना पहचाना लगता है'

'हमराही से चलता कैसे सँग सँग गम'

इस मिसरे में 'से' की जगह "सा" कर लें ।

'चँद सिक्कों में ईमां बिकता लगता है'

इस मिसरे में 'चंद' शब्द का वज़्न 21 होता है,आपने इसे 2 में लेने के लिए इस पर चन्द्र बिंदु लगा दिया है,इसकी जगह "कुछ" शब्द उचित होगा ।

'जीवन का हर रिश्ता झूठा लगता है'

इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर है,लेकिन चलेगा ।

आपकी ग़ज़ल में तरही मिसरे पर गिरह नहीं लगी है,ये नियम के विरुद्ध है,इसके अलावा ग़ज़ल के साथ किसी तरह की भूमिका लिखना भी नियम के विरुद्ध है,ग़ज़ल के नीचे सिर्फ़ मौलिक व अप्रकाशित लिखना होता है,एक बार कृपया ये नियम पढ़ लें:-

नियम एवं शर्तें:-

  • "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |
  • एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |
  • तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |
  • शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |
  • ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |
  • वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें
  • नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |
  • ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।

विशेष अनुरोध:-

सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | 

मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....

आदरणीय ,

ग़ज़ल पर इतने विस्तार से सलाह देने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ।

मैं कमियों को दूर करने की पूरी कोशिश करूँगी।

आगे से नियमों का ध्यान रखूंगी । आज के लिए माफ़ी चाहूँगी।

मैं ग़ज़ल कक्षा में भाग नहीं ले पा रही हूँ ।क्या करना होगा ।


//मैं ग़ज़ल कक्षा में भाग नहीं ले पा रही हूँ ।क्या करना होगा ।//

समूह "ग़ज़ल की कक्षा में जाकर देखेंगी कि एक छोटा सा लाल रंग का निशान होगा,जिस पर join लिखा होगा उसे दबाते ही आप उस समूह की सदस्यता हासिल कर लेंगी,हर समूह का यही तरीक़ा है ।

और कोई परेशानी हो तो मुझे इस नम्बर पर कॉल कर सकती हैं 09753845522

रचना भाटिया जी ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है मेहनत करते रहिये और समर सर की बातों और सलाह पर गौर करते जाइये कुछ दिनों में जो कमी है वो पूरी हो जाएगी 

हर किसान तो अब सहमा सा लगता है

भारी उसको कर्ज़ का बोझा लगता है

 

फिर चुनाव का मौसम आया लगता है

गाँव शह्र सब सहमा सहमा लगता है

 

क्या तुम मुझको अपने जैसा समझे हो

जो तुमको दाढ़ी में तिनका लगता है

 

कपड़े जितने उजले पहनो बाबूजी

दिल तो ससुरा काला काला लगता है

 

शामिल रहता है हम सब की खुशियों में

चाँद बता तू कौन हमारा लगता है

 

कहने को तो बात नई कहते हो तुम

पर लहजे का तंज़ पुराना लगता है

 

यादों ने फिर दस्तक दी है चुपके से

मौसम फिर से आज सुहाना लगता है

 

खुद पे जितना इतराता है तू  इन्साँ

उतना ही तू बहका बहका लगता है

 

सबकी बातों में आ जाता है नादिर

मुझको तो पागल दीवाना लगता है

मौलिक एवं अप्रकाशित 

वाह। बधाई जनाब नादिर खान साहेब। 

शुक्रिया डॉ अमर नाथ झा  साहब 

जनाब नादिर ख़ान साहिब आदाब,तरही मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

'हर किसान तो अब सहमा सा लगता है'

इस मिसरे में 'हर किसान'2121 की वजह से लय बाधित हो रही है,इसे यूँ भी किया जा सकता है:-

'हर दहकां अब सहमा सहमा लगता है'

'फिर चुनाव का मौसम आया लगता है'

ये मिसरा भी 2121 की वजह से लय में नहीं लगता ।

जनाब समर कबीर साहब उपयोगी जानकारी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ....

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
10 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
15 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
16 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
16 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
17 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
19 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
21 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
35 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
59 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service