For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ कानपुर चैप्टर का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम: एक रिपोर्ट

दिनांक 3 सितम्बर,विद्या निकेतन इंटर कॉलेज हरजिंदर नगर के सभागार में ओबीओ कानपुर चैप्टर के वार्षिकोत्सव का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शहर के प्रसिद्ध भाषाविद आ० यशभान तोमर जी,अध्यक्ष आ० चंद्रशेखर बाजपेई जी, विशिष्ट अतिथि डॉ०श्रीमती दया दीक्षित जी,मुख्य वक्ता डॉ० विष्णु दत्त द्विवेदी तथा शहर के प्रसिद्ध गीतकार आ०कृष्णकांत शुक्ला जी विशिष्ट वक्ता थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ आ० सुरेश ‘राजहंस’ जी की वाणी वंदना के साथ ही माँ वागीशा को पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुआ।

ओबीओ परिवार की वरिष्ठ सदस्या आ० मीना धर पाठक द्विवेदी जी ने उपस्थित अतिथियों को ओबीओ का परिचय देते हुए ओबीओ की कक्षाओं फोरम तथा लाइव गोष्ठियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया और साहित्य प्रेमियों से मंच से जुड़ने का आग्रह किया।

तदुपरांत कार्यकारणी में सम्मिलित नए सदस्यों की घोषणा चैप्टर की संरक्षिका आ०अन्नपूर्णा बाजपेई जी ने की। सर्वसम्मति से चुने गए नए अध्यक्ष आ० चंद्र शेखर बाजपेई जी अनुमति एवं अनुमोदन के बाद नए सदस्यों में आ० श्रीमती कविता मिश्रा जी महामंत्री (महिला-प्रकोष्ठ) आ० श्री कृष्ण कांत शुक्ल जी (वरिष्ठ प्रबंध सलाहकार)
आ०श्री नवीन मणि त्रिपाठी जी ( सलाहकार )
आ०श्रीमती कुसुम सिंह जी (सलाहकार)
आ०श्री अजीत राठौर जी(मीडिया प्रभारी)
आ० श्री शरद सक्सेना जी ( कोषाध्यक्ष)
ऐश्वर्या सिंह (तकनीकी सहायक)
तथा कार्यकारिणी सहयोगी मंडल में
आ०श्री आर एस परिहार जी
आ०श्री रमेश मिश्र आनंद जी
आ०श्री सुरेश गुप्त राजहंस जी
आ०श्री सुरेंद्र गुप्त सीकर जी
आ०श्री जय राम सिंह जय जी सम्मिलित हुए।
सदस्यों की घोषणा के उपरांत ओबीओ चैप्टर की वार्षिक उपलब्धियों का लेखा जोखा सीमा सिंह ने प्रस्तुत किया।br />
IMG
प्रथम सत्र में आ० डॉ विष्णु दत्त द्विवेदी जी ने हिंदी साहित्य के विभाजन पर विस्तार पूर्वक बात रखी। डॉ द्विवेदी ने भाषा के सन्तुलित प्रयोग से कथ्य के सौंदर्य को किस प्रकार उभारा जा सकता है पर बहुत गहन विवेचना द्वारा उपस्थित जन का ज्ञान वर्धन किया।
विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ०, श्रीमती दया दीक्षित जी ने अपने वक्तव्य में लघुकथा की सामयिकता तथा उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए लघुकथा की तुलना पौष्टिकता से भरपूर अंकुरित अन्न से की। आकार में संक्षिप्त होते हुए भी गुणों एवं प्रभावोत्पादकता में किसी भी अन्य विधा से कम न होना ही लघुकथा का वह गुण है जो उसे बहुत आगे ले जाने वाला है। आवश्यकता है लघुकथाकारों की गम्भीरता एवं समर्पण की।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आ० यशभान तोमर जी ने भाषा की महत्ता के साथ साथ ही ओबीओ की और इंटरनेट की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इंटरनेट वह माध्यम है जिसने मठाधीशी को धता बताते हुए ज्ञान को घर घर में पहुंचाया है। आ० तोमर जी भाषाविद हैं जो देवनागरी के प्रचार प्रसार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। ओबीओ कानपुर चैप्टर के लघुकथा के प्रति समर्पण को उनकी विशेष सराहना मिली।
मंच के नवनिर्वाचित अध्यक्ष आ० चंद्रशेखर बाजपेई जी ने अपनी टीम को उत्साहित करते हुए एक जुट हो साहित्य सृजन में तथा अपनी अपनी विधा में सिद्ध हस्त होने का संदेश दिया।
द्वितीय सत्र लघुकथा का था। लघुकथा सत्र की अध्यक्षता आ० चंद्रशेखर बाजपेई जी ने जी की।
सत्र का आरम्भ आ० निधि उपाध्याय जी की लघुकथा से हुआ जिसमें क्रमशः अर्चना गंगवार जी, अंजना वाजपेयी जी, राकेश रोशन सिंहजी,कविता मिश्रा जी,आ० मनजीत जी,आ० उमा विश्वकर्मा जी,सीमा सिंह एवं आ० अन्नपूर्णा वाजपेयी जी ने भी अपनी अपनी लघुकथाओं का पाठ किया।
तृतीय सत्र काव्य का था जिसकी अध्यक्षता आ० यशभान तोमर जी ने की ।
काव्य पाठ का सत्र शहर की जानी मानी प्रतिभाओं के नाम रहा।
आ० नवीन मणि त्रिपाठी जी के कुशल मंच संचालन में सुहानी यादव , डॉ राधा शाक्य जी, आ०सुरेश राजहंस जी, आ०अजीत राठौर जी, आ०जय राम ‘जय’जी , आ०कुसुम सिंहजी, आ०शीतल बाजपेयी जी, आ०अलका मिश्रा जी, आ० अनीता मौर्या जी, आ०शरद सक्सेना जी,आ० मधु प्रधानजी, आ०मधु श्रीवास्तव जी, आ०नवीन मणि त्रिपाठी जी सुनीति सिंह ,आ० यशभान सिंह तोमर जी,आ० वेद प्रकाश 'संजर'जी, आ०शिव प्रताप सिंह 'सुमन' जी, आ०आनंद पांडेय 'तन्हा'जी सहित अन्य कवियों ने काव्य पाठ किया ।कार्यक्रम में आभा द्विवेदी,डी०के०श्रीवास्तव,विजय चौरसिया आदि गणमान्य शहरी भी उपस्थित रहे।

धन्यवाद ज्ञापन के बाद जलपान हुआ साथ ही मासिक गोष्ठी में पुनः मिलने के वादे के साथ आयोजन सम्पन्न हुआ।

Views: 1385

Reply to This

Replies to This Discussion

बेहतरीन रपट प्रस्तुत है की है दीदी ... पढ़ कर यूँ लगा ज्यूँ वहीं कहीं हो ... बहुत बहुत बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं 

बहुत शुक्रिया अनुज, तुम्हारी बड़ी मज़बूरी होने की वजह से इस बार माफ़ी मिल गई आगे से जुर्माना ही लगेगा।वैसे एक सच ये भी है सारी तैयारियाँ तो तुम्हारे ही हाथों हुईं तभी तो न होकर भी वहीं रहे हो।

इस सफल आयोजन हेतु पूरे कानपूर चैप्टर को हार्दिक बधाई. गहमर और देहरादून के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की वजह से मैं इस आयोजन में हिस्सा नहीं ले पाया, जिसका मुझे बेहद अफ़सोस है.

बहुत बहुत शुक्रिया सर! सचमुच आपकी कमी बहुत खली ख़ासकर जब लघुकथा की बात हो और आप न हों तो बात बनती ही नही है। वैन्यू न मिलने के कारण की ऐसी स्थिति बन गई।नहीं तो आपको समय से अवश्य सूचित कर पाते। आपके न आने का हम सबको भी बहुत अफसोस है।

बहुत बहुत बधाई सीमा | बहुत ही सुंदर रिपोर्ट तैयार की है ,लगा जैसे वहीँ रही मैं भी | ढेर सारी बधाई और शुभकामनाये |

शुक्रिया दीदी, कार्यक्रम अच्छा हो गया था सबके सहयोग से।
Seema agli baar hua possible to milne aaungi .

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
22 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service