For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आभासी इस दुनिया में क्या 

आभास भी आभासी होते हैं ?

शक्ल नहीं होती है सामने 

इंसान भी आभासी होते हैं ?

समय समय पर बनते बिगड़ते 

रिश्ते भी आभासी होते हैं ?

इंसान में इंसानियत नहीं तो  

आभासी इंसान भी होते हैं ?

बदलते युग का आगाज़ है  

असली और नकली भी होते हैं ? 

साहित्य कोष में भी 

कहीं आभासी शब्द होते हैं  ?

जाने कितने ऐसे सवाल है मन में 

यह बेबुनियाद और अभासी होते हैं ?

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 500

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by indravidyavachaspatitiwari on August 17, 2017 at 5:57pm

आभासी को देख कर सामने आना ही होता है अगर नहीं आये तो वह नही आभासी होता है आना होगा सामने यह है उसकी मजबूरी नहीं सहारा उसका दूसरा कोई कही होता है इसलिए आभासी को देखकर मुकरना है मंजूर नही वह कल्पना से है उपजा पर उसे कहना जरूर कहीं

 
Comment by Mohammed Arif on August 17, 2017 at 10:26am
आदरणीय कल्पना भट्ट जी आदाब , आभासी संसार में ही आजकल जी रहे हैं । हमारी जीवन आभासी संसार Virtual world से संचालित हो रहा है । आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब की बातों का संज्ञाशन लें । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Samar kabeer on August 16, 2017 at 6:45pm
बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,अच्छे प्रश्न उठाये आपने इस कविता में,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
पहली दो पंक्तियों को छोड़कर हर पहली पंक्ति में से 'क्या'शब्द निकाल दें और उसके नीचे वाली पंक्ति के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दें, ऐसे :-
'शक्ल नहीं होती है सामने
इंसान भी आभासी होते हैं ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service