For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जय हो ,
अइसन दिन देखि आइल ,
लोगवा बा भकुआइल ,
सुप्रीम कोर्ट के हम का बोली ,
जज के सरम ना आइल ,
जय हो ,
चोरी छिपे जे मिळत रहे ,
छुट के मिळत बाटे ,
सब कोई के सामने अब ,
संगे रात बितावत बाटे,
सरम के इ ता घोर के पि गइल,
कहत बा कोर्ट के आर्डर बाटे ,
जय हो ,
बाबु जी से बेटी बोली ,
फलना के हम चाही ले ,
राजी हो जा बाबु जी ,
ओकरा संगे रात बिताइले ,
कवनो इ गलत नइखे ,
कोर्ट से सुनत बनी ,
जय हो ,
अइसन दिन आ सकेला ,
सरम से मरिहन बाप ,
ओ से पाहिले सरन खाके ,
मर जाईती जज आप ,
आप जैसन बेसरम खातिर ,
ना निकली कभी जय हो ,
जय हो ,

Views: 255

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 6:39pm
भारतीय संस्कृति में लिव इन रिलेशनशिप की कोई जगह नहीं है| सुन्दर कविता|
Comment by Admin on March 29, 2010 at 6:07pm
चोरी छिपे जे मिळत रहे ,
छुट के मिळत बाटे ,
सब कोई के सामने अब ,
संगे रात बितावत बाटे,
सरम के इ ता घोर के पि गइल,
कहत बा कोर्ट के आर्डर बाटे ,
जय हो ,
वाह गुरु जी वाह ,हमेशा के तरह एगो और शानदार रचना , ऐसन सब रचना के बड़ी सिद्दत से इन्तजार रहेला हमनी के , रौवा सही लिखले बानी, इ जवन फैसला आइल बा इ बेसरमी के बढ़ा ही रहल बा आ नैतिकता के छरण हो रहल बा, अभी हमनी के समाज वोतना आगे नैखे गइल की इ अनैतिक काम के पचा पाई आ मुठी भर जे कथित सभ्य लोग बा वो लोग ता पहिले से इ काम करत ही रहल हा , वो लोगन के क़ानून से का लेवे देवे के बा.
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on March 29, 2010 at 5:28pm
bahut khoob guru jee......
bahut bisphotak rachna baa jee.........
hamesha ke tarah ek aur zordaar,shaandaar,dhamakedaar rachna.........
jai ho guru jee aisehi likhat rahi.........

PREETAM TIWARY

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
8 hours ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
yesterday

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
Tuesday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service