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जय-जय हिन्दुस्तान (दोहा गीत 'राज ')

दोहा गीत

आज़ादी की राह में ,शत शत वो बलिदान|

याद कहो कितना रहा ,बोलो हिन्दुस्तान||

 

सावरकर की यातना,देखी थी प्रत्यक्ष|

अंडमान की जेल में,काँपे पीपल वृक्ष||

संग्रामी आक्रोश में ,कितने बुझे चिराग|

कितनी टूटी चूड़ियाँ,कितने मिटे सुहाग||

 

कितनी दी कुर्बानियाँ,तब पाया सम्मान|

याद कहो कितना रहा ,बोलो हिन्दुस्तान||

 

रहे सदा जाँ बाज वो,हर सुख से महरूम|

झूल गये जो जान पर,उन फंदों को चूम||

नेहरू गाँधी शास्त्री,औ गंगा धर बाल|

कूद पड़े सब जंग में ,भारत माँ के लाल||

 

सींच लहू से क्यारियाँ,सफल किया अभियान|

याद कहो कितना रहा ,बोलो हिन्दुस्तान||

 

एक विटप की छाँव में,बैठे धर्म अनेक|

अलग अलग मोती मगर,बँधे सूत्र में एक||

चाहे पुष्प अनेक हम ,एक मगर उद्द्यान|

करें नमन इस देश को, जय जय हिन्दुस्तान||

 

सरहद के जाँ बाज तू ,इकला खुद मत मान|

तेरे पीछे है खड़ा,सारा हिन्दुस्तान||

जय जय हिन्दुस्तान

जय जय हिन्दुस्तान

        -------मौलिक एवं अप्रकाशित 

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Comment

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Comment by Samar kabeer on October 12, 2016 at 9:01pm
लेकिन में फिक्रमंद हो जाता हूँ बहना, मुझे ऐसा लगता है कि आपको मेरी ज़रूरत है, आप मुझे पुकार रही हैं,और में चाह कर भी नहीं आ पाता हूँ,आख़िर बहन कहा है आपको ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 12, 2016 at 8:06pm

आद० रवि शुक्ल भैय्या, आपको ये दोहा गीत पसंद आया आपका बहुत- बहुत आभार| 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 12, 2016 at 8:04pm

आ० समर भाई  जी  कोई  बात  नहीं मैं  समझ गई थी बस प्रणाम करना था कोई ख़ास बात नहीं थी |

Comment by Ravi Shukla on October 12, 2016 at 3:39pm

आदरणीया राजेश दीदी सुन्‍दर दोहा गीत हुआ है बधाई स्‍वीकार करें । 

Comment by Samar kabeer on October 10, 2016 at 8:28pm
बहना हमेशा ख़ुश रहो, आपका मेसेज मिला लेकिन जवाब इसलिए नहीं दे पाया कि मेरे बेटे को ओबीओ पर चेट करना नहीं आता,में इसके लिये क्षमा प्रार्थी हूँ ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 10, 2016 at 5:58pm

आद० समर भाई जी ,इस गीत को आपका आशीष मिल गया बस लिखना सफल हुआ दिल की असीम गहराई से आपका आभार नमन .

Comment by Samar kabeer on October 10, 2016 at 5:40pm
बहना राजेश कुमारी जी आदाब,बहुत उम्दा दोहा गीत लिखा आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 10, 2016 at 5:29pm

आद० अर्पणा  जी आपको ये दोहा गीत पसंद आया मेरा लिखना सार्थक हो गया दिल से बहुत बहुत आभार |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 10, 2016 at 5:28pm

आद० सुरेश कुमार जी ,दोहा गीत पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया की बहुत आभारी हूँ |

Comment by Arpana Sharma on October 10, 2016 at 4:17pm
"सारे जग में प्रकाशमान,
जय-जय हिन्दुस्तान "
बहुत सुंदर देशभक्ति की कविता । बधाई और शुभकामनाएँ आदरणीया राजेश कुमारी जी।

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