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कथा पसंदगी के लिए आभार आदरणीय वीर मेहता जी
नारी मन को पिघलाने की चाल चल कर इस तरह शोषण करने वाले बहुत लोग हैं, इस सन्देशपरक चुस्त रचना हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीया मीना पाण्डेय जी|
कथा पर आपकी उपस्स्थिति और पसंदगी के लिए आभार आदरणीय चंद्रेश कुमार छतलानी जी
वाह मीना जी विषय को पकड़ कर रखा आपने... स्त्री की कोमलता कैसे स्वयं उसकी ही शत्रु बन जाती है ये see
कथा पर आपकी उपस्स्थिति और पसंदगी के लिए आभार आदरणीय सीमा सिंह जी
शतरंज विषय को बखूबी से निभाया है आपने इस लघुकथा में आ० मीना पाण्डेय जी, जिस हेतु मेरी हार्दिक बधाई स्वीकारें. हालाकि कहानी के मध्य में थोड़ी और कसावट की गुंजायश है.
कथा पर आपकी उपस्स्थिति और पसंदगी के लिए आभार आदरणीय सीमा सिंह जी
आदरणीय सर मैं आपकी बातो का संज्ञान अवश्य लुंगी सादर
कितने रंग बदलते लोग छलने के लिय ..बधाई एक अच्छी कथा के लिय
आभार आदरणीय सविता मिश्रा जी
हार्दिक आभार आदरणीय नीता सैनी जी
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