For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

टी वी पर बहस -- डॉo विजय शंकर

जैसा कि अक्सर हो जाता है , एक अज्ञानी महानुभाव ने घोर अज्ञानी वक्तव्य देकर माहौल में सनसनी फैला दी , टी वी पर तमाम विद्वान उस पर जोरदार बसह में उलझे हुए थे। दो मित्र टी वी देख कर खीझ रहे थे।
एक बोला , " चैनल बदलो।इस बहस ने तो बोर कर दिया। यार ये इतने बड़े बड़े विद्वान एक मूर्ख की बातों पर इतनी बहस क्यों करते हैं ? "
दूसरा बोला , " क्योंकि मूर्ख कुछ कह तो देते हैं , विद्वान तो कुछ कह ही नहीं पाते , इसलिए बस बहस ही कर लेते हैं ,"

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 579

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 4, 2015 at 7:05pm
आदरणीय सुश्री तनुजा उप्रेती जी, बहुत सटीक प्रतिक्रिया है आपकी। आपका बहुत बहुत आभार, सद्भावनाओं के लिए धन्यवाद, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 4, 2015 at 7:02pm
आदरणीय विजय निकोर जी, आपका बहुत बहुत आभार, बधाई के लिए धन्यवाद, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 4, 2015 at 7:01pm
प्रिय जीतेन्द्र जी , आपकी गहरी प्रतिक्रिया के लिए आभार , बधाई हेतु धन्यवाद, सादर।
Comment by vijay nikore on May 4, 2015 at 3:05pm

 सुन्दर कटाक्ष ! सुन्दर प्रस्तुति। हार्दिक बधाई, आदरणीय विजय जी।

Comment by Tanuja Upreti on May 4, 2015 at 12:13pm

टी आर पी का खेल मूर्खों को विद्वानों पर भारी सिद्ध कर देता है I आदरणीय  बहुत अच्छा कटाक्ष I

 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 4, 2015 at 12:06pm

बहुत खूब ,आदरणीय डा.विजय जी. आदरणीय गिरिराज जी की प्रतिक्रिया //आये दिन ये प्रायोजित बहस सुनना -देखना पड़ता है , जिसका कभी किसी पर असर होते नही दीखता , और न ही ऐँकर का उद्देश्य सच जानना ही होता है// से पूर्ण सहमती है . बहुत-बहुत बधाई आपको इस कटाक्ष पर

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 4, 2015 at 9:16am
आदरणीय केवल प्रसाद जी , मूल्यांकन के लिये आभार , बधाई के लिए ह्रदय से धन्यवाद।
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on May 3, 2015 at 9:48pm

आ0 विजय भाई जी,   इस सर्वश्रेष्ठ रचना के लिये  हार्दिक बधाई.  सादर

Comment by Dr. Vijai Shanker on May 3, 2015 at 9:28pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , प्रकरण पर आपका दृष्टिकोण बहुत सही है, न बहस का कोई उद्देश्य, न सच जानने में किसी की दिलचस्पी , एक प्रायोजित कार्यक्रम और खानापूरी. बहुत बहुत आभार आपकी इस प्रतिक्रिया का , बधाई हेतु धन्यवाद, सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 3, 2015 at 9:23pm
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी , आपकी सही पकड़ और स्वीकृति , दोनों के लिए , बहुत बहुत आभार, सद्भावनाओं के लिए धन्यवाद, सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
8 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service